भारत ने जनवरी से फरवरी के बीच 24 बाघों को खोया, जो 3 साल में सबसे ज्यादा है. उनके आवाजाही के लिए वनों की कैपिसिटी की वैज्ञानिक मूल्यांकन की कमी भी चिंता का विषय है. ऐसा एक क्षेत्र में बाघों की काफी अधिक होना है, खासकर मानव गतिविधि से उनके रहने की जगह सिकुड़ रही है.