नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की पकड़ मजबूत करने के लिए, केंद्र सरकार ने बुधवार को भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा करने वाली भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के लिए एक नए ऑपरेशनल बेस को तैयार करने के साथ-साथ सात नई सीमा बटालियन बनाने के लिए 9,400 रंगरूटों की भर्ती को मंजूरी दे दी है.
यह प्रस्ताव भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच और लेह के पुलिस अधीक्षक की एक रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि भारत ने 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक पहुंच खो दी है – नियमित रूप से पूर्वी लद्दाख में भारतीय सुरक्षा बलों (ISF) द्वारा नियमित रूप से गश्त की जाती है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, नई बटालियनों को एलएसी पर तैनात किए जा रहे आईटीबीपी के 47 सीमा चौकियों और 12 पड़ाव शिविरों में तैनाती के लिए तैयार किया जा रहा है.
वर्तमान में एलएसी पर आईटीबीपी की 176 सीमा चौकियां हैं.
नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को एक सूत्र ने बताया, “ITBP का मुख्य कार्य भारत-चीन सीमा की रक्षा करना है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह प्रभावी ढंग से किया जाता है, सरकार ने 2020 में 47 नई सीमा चौकियों और 12 शिविरों को मंजूरी दी थी. इन शिविरों को स्थापित करने का काम जारी है और हमें इसके लिए अधिक कर्मियों की आवश्यकता है. इन नए पदों पर तैनाती का यही कारण है कि क्षेत्र में आईटीबीपी की सात और बटालियनों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया.”
सूत्र ने कहा, “इसके अलावा, इन बटालियनों की निगरानी के लिए क्षेत्र में एक सेक्टर मुख्यालय भी स्थापित किया जाएगा और पदों और मुख्यालयों की स्थापना की यह पूरी कवायद 2025-26 तक पूरी कर ली जाएगी.”
नाम न छापने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 47 नई सीमा चौकियों के बनने से इन ठिकानों पर तैनात वर्कफोर्स में 26 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी, जबकि 9,400 नए कर्मियों को शामिल करने से आईटीबीपी की ताकत में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी.
अधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव को बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक के दौरान मंजूरी दी गई.
बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भूमि अधिग्रहण, कार्यालय और आवासीय भवनों के निर्माण पर 1,808.15 करोड़ रुपये का खर्च किए जाएंगे, इसके अलावा हथियारों और गोला-बारूद की खरीद पर जोर दिया जाएगा ताकि एलएसी पर संख्या बढ़ाई जा सके. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त वर्कफोर्स के लिए वेतन और राशन पर 963.68 करोड़ रुपये का सालाना व्यय किया जाएगा.
90,000 से अधिक कर्मियों की वर्तमान संख्या वाली आईटीबीपी को 1962 में चीनी आक्रमण के बाद बनाया गया था और भारत के पूर्वी हिस्से में 3488 किलोमीटर तक फैले एलएसी की रखवाली करने का काम सौंपा गया था.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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