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Wednesday, 25 December, 2024
होमदेशJ&K में लिथियम के विशाल भंडार की खोज, खनन मंत्रालय ने कहा, ‘EV इंडस्ट्री को मिलेगा बड़ा लाभ’

J&K में लिथियम के विशाल भंडार की खोज, खनन मंत्रालय ने कहा, ‘EV इंडस्ट्री को मिलेगा बड़ा लाभ’

खनन मंत्रालय ने गुरुवार ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम के भंडार की खोज की.’

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बीते गुरुवार को कहा कि देश में पहली बार 5.9 मिलियन टन से अधिक के लिथियम के भंडार का पता लगा है. लिथियम के भंडार का पता जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना में पाया गया है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इससे भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री को बड़ा लाभ मिलने वाला है.

लिथियम एक अलौह धातु है और इलेक्ट्रिक वाहन में लगने वाले बैटरी के निर्माण के प्रमुख घटकों में से एक है. खनन मंत्रालय ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम के भंडार की खोज की.’

भारत की उर्जा जरूरत को पूरा करने में सक्षम

लॉग9 मैटेरियल्स के को-फाउंडर और डायरेक्टर पंकज शर्मा ने कहा, ‘लिथियम की कमी ही एक कारण रहा है कि भारत ली-आयन बैटरी और अन्य ईवी घटकों के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘लिथियम ली-आयन बैटरी के प्रमुख तत्वों में से एक है और लिथियम की सोर्सिंग के वित्तीय प्रभाव को देखते हुए हाल ही में जम्मू कश्मीर में लिथियम भंडार की खोज एक नए दौर के रूप में नजर आती है. यह भारत की उर्जा भंडारण जरूरतों को पूरा करने के साथ ही भारत की महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाने में सक्षम है.’

पंकज कुमार कहते हैं, ‘ऐसे समय में जब सरकार 2070 तक अपने महत्वाकांक्षी नेट-जीरो लक्ष्य तक पहुंचने के लिए ईवी बैटरी निर्माण और ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में पहल कर रही है, इस खोज के बारे में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट ली-आयन कोशिकाओं के स्थानीय उत्पादन के लिए आशा दिखाती है और इसके साथ ही यह पड़ोसी देश के साथ हमारे व्यापार घाटे को कम करने में भी मदद करेगी.’

पहली बार मिला है इतना बड़ा भंडार

वहीं खनन मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा, ‘देश में पहली बार लिथियम के इतने बड़े भंडार की खोज हुई है और वह भी जम्मू-कश्मीर में. यह भारत को भविष्य में फायदा पहुंचाएगा.’

भारत अभी तक लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है. अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए देश ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना आदि जैसे देशों से आयात करता है. लिथियम के अलावा निकल और कोबाल्ट जैसे खनिज भी पूरी तरह से आयात पर निर्भर है.

खनन मंत्रालय ने कहा कि आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमें महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाने की जरूरत है. चाहे वह मोबाइल फोन हो या फिल सोलर पैनल, इन तमाम चीजों के उत्पादन में खनिजों की जरूरत पड़ती है.

खनन मंत्रालय ने आगे कहा कि लिथियम और गोल्ड सहित 51 खनिज ब्लॉक संबंधित राज्य सरकारों को सौंप दिए गए.

मंत्रालय ने कहा, ‘इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं और अन्य ब्लॉक जम्मू और कश्मीर (यूटी), आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक जैसे 11 राज्यों में फैले पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल आदि जैसी वस्तुओं से संबंधित हैं.’

जीएसआई द्वारा फील्ड सीजन 2018-19 से अब तक किए गए कार्यों के आधार पर ब्लॉक तैयार किए गए थे.

खनन मंत्रालय द्वारा इसके अलावा कुल 7897 मिलियन टन संसाधन वाले कोयला और लिग्नाइट की 17 रिपोर्टें भी कोयला मंत्रालय को सौंपी गईं.

बैठक के दौरान विभिन्न विषयों और इंटरवेंशन क्षेत्रों जिसमें जीएसआई संचालित होता है, पर सात प्रकाशन भी जारी किए गए.


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