नई दिल्लीः तुर्की और सीरिया में सोमवार से एक के बाद एक आये शक्तिशाली भूकंपों के कारण जान गंवाने वालों की संख्या कम से कम 7,926 तक पहुंच गए है और इसके बढ़ने की आशंका है.
तुर्की के उप-राष्ट्रपति फुआत ओकटे की ओर से मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक, यहां कम से कम 5,894 लोग मारे गए और 34,810 लोग घायल हुए. सीरियाई सिविल डिफेंस ने कहा कि उत्तर पश्चिमी सीरिया में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 1,220 हो गई और 2,600 घायल हो गए.
एनाडोलू एजेंसी ने बताया कि मंगलवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने 10 दक्षिणी प्रांतों में तीन महीने के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी.
राजधानी अंकारा में राज्य सूचना समन्वय केंद्र को संबोधित करते हुए एर्दोगन ने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 119 द्वारा हमें दिए गए अधिकार के आधार पर, हमने आपातकाल की स्थिति घोषित करने का फैसला किया.”
उन्होंने कहा, “हम आपातकालीन निर्णय की स्थिति के बारे में राष्ट्रपति और संसदीय प्रक्रियाओं को जल्दी से पूरा करेंगे, जिसमें 10 प्रांत शामिल होंगे जहां भूकंप आए हैं और यह तीन महीने तक चलेगा.”
समाचार एजेंसी सीएनएन ने बताया कि सोमवार को तुर्की और सीरिया को हिला देने वाले विनाशकारी भूकंप के बाद, मेक्सिको के प्रसिद्ध बचाव कुत्तों को तुर्किये भेजा जा रहा है.
अनादोलु एजेंसी की खबर के अनुसार, कहारनमारस प्रांत के पजारसिक जिले में सोमवार को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसके बाद, कहारनमारस के एलबिस्तान जिले में केंद्रित 7.6 तीव्रता के भूकंप ने इस क्षेत्र को हिलाकर रख दिया, जिससे अदाना, अदियामन, दियारबाकिर और गाजियांटेप सहित कई अन्य प्रांत प्रभावित हुए.
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने कहा कि सोमवार को तुर्किये के गोकसुन में 6.0 तीव्रता का तीसरा भूकंप आया. भूकंप के झटके सीरिया और लेबनान सहित कई देशों में भी महसूस किए गए.
यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप, 100 से अधिक वर्षों में इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है, जो तुर्की के गजियांटेप प्रांत में नूरदागी से 23 किलोमीटर पूर्व में 24.1 किलोमीटर की गहराई में आया था.
भूकंप के बाद जारी संकट में भारत भी तुर्किये को अपना समर्थन दे रहा है.
भारत ने तुर्किये में आये विनाशकारी भूकंप के मद्देनजर इस देश की मदद करने के लिए मंगलवार को चार सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमानों के जरिये राहत सामग्री, एक ‘चलित अस्पताल’ और तलाश एवं बचाव कार्य करने वाले विशेषज्ञ दल को भेजा.
इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा था, ‘‘भारत इस चुनौतीपूर्ण क्षण में अपनी एकजुटता व्यक्त करता है.’’
तुर्की में 30 बिस्तरों वाला एक चिकित्सा केंद्र संचालित करने के लिए मेडिकल दलों को एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, हृदय की निगरानी करने वाले उपकरणों से लैस किया गया है.
देश में बड़े पैमाने पर आए भूकंप के बाद कई अन्य देश तुर्की की सहायता और सहायता के लिए आगे आए हैं.
वहीं, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सीरियाई दूतावास का दौरा किया और भूकंप से हुई तबाही को लेकर राजदूत बासम अल खातिब को संवदेना व्यक्त की. तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने भारत की सहायता की सराहना की.
इस बीच, बेंगलुरु से प्राप्त एक खबर के मुताबिक, कर्नाटक सरकार ने तुर्की में भूकंप से प्रभावित हुए राज्य के लोगों की सहायता के लिए मंगलवार को एक हेल्पलाइन स्थापित की है.
इससे पहले, तुर्की ने सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की और झंडे को आधा झुका दिया गया.
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