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Friday, 15 November, 2024
होमसमाज-संस्कृति‘जाति-रंग’,‘भेदभाव’ पर करारी चोट करने वाले, 5 बार नेशनल अवार्डी डायरेक्टर कसीनथुनी विश्वनाथ का निधन

‘जाति-रंग’,‘भेदभाव’ पर करारी चोट करने वाले, 5 बार नेशनल अवार्डी डायरेक्टर कसीनथुनी विश्वनाथ का निधन

विश्वनाथ ने तेलुगु सिनेमा के अलावा तमिल और हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की. राकेश रोशन के साथ उन्होंने ‘कामचोर’, ‘जाग उठा इंसान’ को डायरेक्ट किया है.

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नई दिल्लीः भारतीय फिल्मों के दिग्गज अभिनेता, निर्देशक, लेखक और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित फिल्मकार कसीनथुनी विश्वनाथ का शुक्रवार को निधन हो गया.

लंबे समय से बीमार चल रहे अभिनेता ने हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में 92 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली.

संयोग यह है कि 1980 में आज ही के दिन उनकी सबसे चर्चित फिल्म ‘शंकराभरणम’ रिलीज़ हुई थी. माना जाता है कि यह फिल्म सिनेमाघरों में एक साल तक लगी रही थी. इस फिल्म को कई फेस्टिवल्स में दिखाया गया था.

‘शंकराभरणम’ में दो अलग-अलग पीढ़ी के लोग शास्त्रीय और पश्चिमी संगीत की पड़ताल करते नज़र आते हैं.

विश्वनाथ ने 1965 से लेकर आज तक करीब 50 फिल्में बनाईं हैं. विश्वनाथ की फिल्में जाति, रंग, नारीद्वेष, भेदभाव पर करारी चोट करने के लिए जानी जाती हैं.

बतौर ‘साउंड आर्टिस्ट’ अपने करियर की शुरुआत करने वाले विश्वनाथ ने ‘शंकराभरणम’, ‘सागर संगमम’, ‘स्वाति मुत्यम’, ‘सप्तपदी’, ‘कामचोर’, ‘संजोग’, ‘लिंगा’ और ‘जाग उठा इंसान’ जैसी हिट फिल्मों को डायरेक्ट किया. इन फिल्मों को कई अवार्ड्स भी मिले हैं.

विश्वनाथ ने तेलुगु सिनेमा के अलावा तमिल और हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की. राकेश रोशन के साथ उन्होंने ‘कामचोर’, ‘जाग उठा इंसान’ को डायरेक्ट किया है. ‘कामचोर’ का एक गीत ‘तुझ संग प्रीत लगाई सजना’ हिंदी पट्टी के लोगों को आज भी सुखन एहसास दिलाता है. इस गीत को लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने बनाया था.

2016 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले वे 48वें शख्स थे. भारतीय सिनेमा में इस पुरस्कार को सर्वोच्च सम्मान माना जाता है.

अपने शानदार करियर में उन्हें 1992 में कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार, 20 नंदी पुरस्कार (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाला पुरस्कार) और ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ सहित 10 फिल्मफेयर अवार्डस भी मिले.

‘कलातपस्वी’ के नाम से मशहूर विश्वनाथ का जन्म 19 फरवरी 1930 में आंध्र प्रदेश में हुआ था. आंध्र प्रदेश से संबंध रखने वाले अभिनेता क्लासिकल व ट्रेडिनल आर्ट, म्यूजिक व डांस में भी दिलचस्पी रखते थे.

के. विश्वनाथ की सबसे यादगार फिल्मों में से एक ‘श्रीवेन्नेला’ है. इसमें एक नेत्रहीन बांसुरी वाले और गूंगे चित्रकार की कहानी बताई गई थी जो आपस में प्रेम करने लगते हैं.

मूल संस्करण की सफलता के बाद के विश्वनाथ की तेलुगू फिल्म ‘सागर संगमन’ जिसमें कमल हासन मुख्य भूमिका में थे, को बाद में तमिल में ‘सलंगई ओली’ शीर्षक से डब किया गया और यह सुपरहिट हुई थी. यह फिल्म 59वें अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए भारत की ऑफिशियल एंट्री थी.

तमिल में यह फिल्म के विश्वनाथ का एकमात्र निर्देशन था. हालांकि, उन्होंने तमिल में कई फिल्मों में एक्टिंग की है और कमल हासन, आर पार्थिबन, अजीत, विजय, चियान विक्रम और सूर्या के साथ स्क्रीन स्पेस साझा किया है.

विश्वनाथ के परिवार में उनकी पत्नी कसीनाधुनी जया लक्ष्मी, रवींद्रनाथ सहित तीन बेटे, नागेंद्रनाथ और एक बेटी पद्मावती हैं.

उनके निधन की खबर सुन तेलुगु सिनेमा के साथ-साथ राजनीतिक हल्कों में भी शोक की लहर दौड़ गई है.

‘दशकों तक दर्शकों को रोमांचित किया’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिल्मकार के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि विश्वनाथ सिनेमा जगत के एक ऐसे दिग्गज थे, जिन्होंने खुद को रचनात्मक और बहुमुखी निर्देशक के रूप में स्थापित किया.

पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “के विश्वनाथ के निधन से दुखी हूं. वह सिनेमा जगत के दिग्गज थे, जो खुद को एक रचनात्मक और बहुमुखी निर्देशक के रूप में अलग करते थे. उनकी फिल्मों ने विभिन्न शैलियों को कवर किया और दशकों तक दर्शकों को रोमांचित किया. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.”

पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी, बीजेपी के तेलंगाना प्रमुख बंदी संजय, पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू समेत कई मंत्रियों ने विश्वनाथ के निधन पर शोक व्यक्त किया है.

पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक के विश्वनाथ के निधन के बारे में सुनकर बेहद दुखी हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म निर्माता के तौर पर विश्वनाथ ने अपनी फिल्मों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलवाई. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे. ओम शांति.’’

अनुराग ठाकुर ने लिखा, ‘‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित श्री के विश्वनाथ जी के निधन से दुखी हूं. एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता; 50 से अधिक फिल्मों के साथ; वह तमिल, तेलुगु और हिंदी सिनेमा में बेहद लोकप्रिय थे. अपने काम के माध्यम से उन्होंने विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को संबोधित किया. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना. ओम शांति.’’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी विश्वनाथ के निधन पर शोक व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में राव के हवाले से कहा गया है, ‘‘विश्वनाथ प्रतिष्ठित फिल्म निर्देशक थे, जिन्होंने साधारण कहानियों को अपनी अद्भुत प्रतिभा के दम पर बड़े पर्दे पर एक ‘क्लासिक फिल्म’ के रूप में पेश किया.’’

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा, ‘‘विश्वनाथ तेलुगु संस्कृति व भारतीय कलाओं का आईना हैं. उनके निर्देशन में बनी फिल्मों ने तेलुगु फिल्म उद्योग को अद्वितीय सम्मान दिलाया. वह एक कलाकार के रूप में तेलुगु भाषी लोगों के दिलों में हमेशा रहेंगे.’’

‘आपके साथ सेट पर होना मंदिर में होने जैसा’

इसके अलावा सिनेमा जगत की कई हस्तियों ने भी फिल्मकार के निधन पर शोक व्यक्त किया है.

फिल्म जगत के हरफनमौला खिलाड़ी कमल हासन बहुत कम लोगों को अपना गुरु मानते हैं, जिनमें दिग्गज तेलुगु निर्देशक और अभिनेता के विश्वनाथ शामिल हैं.

अपने गुरु के निधन पर हासन ने इमोशनल मैसेज शेयर किया है.

दक्षिण भारत के सुपरस्टार चिरंजीवी ने कहा लेजेंड अमर रहेंगे.

अभिनेता चिरंजीवी ने ट्वीट किया, ‘‘सदमे में हूं. के विश्वनाथ का जाना भारतीय/तेलुगु सिनेमा और मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक अपूरणीय क्षति है. कई बेहतरीन फिल्में देने वाले महान फिल्मकार हमेशा (यादों में) जिंदा रहेंगे.ओम शांति.’’

अभिनेता अनिल कपूर ने ट्वीट किया, ‘‘के. विश्वनाथ जी आपने मुझे बहुत कुछ सिखाया है, ईश्वर के समय आपके साथ सेट पर होना मंदिर में होने जैसा था…आरआईपी मेरे गुरु.’’

अभिनेता ममूटी ने कहा, ‘‘विश्वनाथ गारू के निधन से गहरा दुख पहुंचा. स्वातिकिरणम में उनके द्वारा निर्देशित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.’’

‘आई एम कलाम’ फिल्म के डायरेक्टर नील माधब और ‘द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने भी दिग्गज कलाकार के निधन पर शोक जताया है.

नील ने लिखा, ‘‘उनकी कहानी और सिनेमाई प्रतिभा, भारतीय सिनेमा की समृद्धि का एक वसीयतनामा है. के विश्वनाथ गारू की विरासत हमें आने वाले वर्षों तक प्रेरित करती रहेगी. शांति.’’

अग्निहोत्री ने कहा, ‘‘ओम शांति के विश्वनाथ गारु. आप अपनी कहानियों और चलती छवियों के माध्यम से जीवित रहेंगे. रचनात्मकता कभी नहीं मरती.’’

साउथ की अभिनेत्री साईं पल्लवी ने भी विश्वनाथ के निधन पर दुख जताया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जब आप स्वयं को किसी कला के रूप में समर्पित कर देते हैं, तो कला आपको अपना बना लेती है. के. विश्वनाथ गारू स्वयं कला हैं और मैं धन्य हूं कि आपकी रचनाओं को देखते हुए बड़ी हुई हूं. आप उनके माध्यम से हमेशा जीवित रहेंगे अइया. थैंक्यू.’’

सिंगर एआर रहमान ने कहा,‘‘आपकी फिल्मों ने मेरे बचपन को मानवीयता और आश्चर्य से भर दिया. उनमें ट्रेडिशनल, संगीत और नृत्य अद्भुत होता था.’’


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