नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए बुधवार को घोषणा की कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है.
बजट 2023-24 में किसानों के लिए कई खास और महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले 3 वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता दी जाएगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आम बजट 2023-24 की सात प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध किया. इसमें बुनियादी ढांचा, हरित विकास, वित्तीय क्षेत्र और युवा शक्ति शामिल हैं.
उन्होंने बजट भाषण में घोषणा की कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एग्रीकल्चर एक्सेलेटर फंड स्थापित किया जाएगा. देश में 10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र की भी स्थापना की जाएगी.
सीतारमण ने संसद को बताया कि सरकार ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को मुक्त स्रोत, मुक्त मानक और अंतर परिचालन सार्वजनिक संपत्ति के रूप में विकसित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि ‘देश का कृषि क्षेत्र पिछले छह वर्षों में 4.6 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है. मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार के लिए मौजूदा पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक उप-योजना शुरू की जाएगी. नई उपयोजना में 6000 करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा.’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत 141.4 लाख करोड़ रुपये की 89,151 से अधिक परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं.
सरकार ने नौ लाख करोड़ रुपये के निवेश की क्षमता वाली राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन भी शुरू की है.
इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत किया गया.
इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा, ” हम दुनिया में श्रीअन्न के सबसे बड़े उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं. छोटे किसानों ने नागरिकों की सेहत को मजबूत करने के लिए श्रीअन्न उगाया है और बड़ी भूमिका निभाई है. सरकार कपास की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देगी. इससे किसानों, सरकार और उद्योगों को साथ लाने में मदद मिलेगी.”
वित्त मंत्री ने बताया कि कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को ओपन सोर्स, ओपन स्टैंडर्ड और इंटरऑपरेबल पब्लिक गुड के रूप में बनाया जाएगा साथ ही अतिरिक्त लंबे स्टेपल कपास की उपज बढ़ाने के लिए, सरकार क्लस्टर-आधारित और मूल्य-श्रृंखला दृष्टिकोण अपनाएगी.