नई दिल्ली: चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का प्रचार विभाग (CCPPD) चीनी जनता तक पहुंचने वाली प्रत्येक सूचनाओं को नियंत्रित करता है. इसकी जानकारी द हॉन्गकॉन्ग पोस्ट ने अपने एक रिपोर्ट के हवाले से दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन को लेकर दुनिया के सामने पेश की जा रही जानकारी पर चीन निरगानी करता है.
द हॉन्गकॉन्ग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का प्रचार विभाग (CCPPD) विशेष रूप से मीडिया और अकादमिक डोमेन पर बाजार की ताकतों के प्रभाव पर विचार करते हुए प्रचार प्रणाली की सभी शक्ति और प्रभावकारिता का आकलन करता है.
CCPPD द्वारा सेंसर भाषण, गलत सूचना को बढ़ावा देने और सरकार के पसंदीदा नेरेटिव्स को इंटरनेट को फैलाने का प्रयास भी किया गया है.
CCPPD द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक लोकप्रिय माध्यम यूट्यूब है जो उनके चुने हुए ‘फ्रंटियर इन्फ्लुएंसर्स’ को सक्षम बनाता है और जो उनके स्क्रिप्टेड नेरेटिव्स को आगे बढ़ाते हैं. द हॉन्ग कॉन्ग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ये इन्फ्लुएंसर्स मुख्य रूप से झिंजियांग, तिब्बत और इनर मंगोलिया के अशांत क्षेत्रों में अधिक प्रभावशाली हैं.
उसी रिपोर्ट के अनुसार, CCPPD ने विदेश में मीडिया संगठनों की स्थापना की है और पत्रकारों को प्रशिक्षित किया है जो बेल्ट एंड रोड मीडिया कोऑपरेशन एलायंस/यूनियन, बेल्ट एंड रोड न्यूज़ एलायंस, या अन्य बेल्ट एंड रोड मीडिया नेटवर्क के सक्रिय सदस्य हैं जो चीन से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं. ये विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं. उदाहरण के लिए, बेल्ट एंड रोड मीडिया कम्युनिटी, बेल्ट एंड रोड पत्रकार नेटवर्क, बेल्ट एंड रोड न्यूज नेटवर्क, या बी एंड आर टीवी नेटवर्क जैसे नेटवर्क.
कई देशों पर नजर
ताइवान, कनाडा, पेरू, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, यूके, फिलीपींस, पाकिस्तान और कंबोडिया, सीसीपीपीडी के नेरेटिव्स के लक्षित शीर्ष देशों में से हैं.
CCPPD उइगर का शोषण मीडिया की नजरों से दूर रखता है और वहां के प्रशिक्षित पत्रकारों, टिप्पणीकारों, सीमांत प्रभावितों और यहां तक कि मशहूर हस्तियों के मानवाधिकारों के हनन के अस्तित्व को नकारता है.
मीडिया ने हाल ही में बताया कि चीन में लोग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) द्वारा पार्टी की छवि के खिलाफ जाने वाली सामग्री को सेंसर करने के लिए नए इंटरनेट और साइबरस्पेस कानूनों को लागू करने पर अपनी हताशा निकाल रहे हैं.
इस साल नवंबर के अंत और दिसंबर की शुरुआत में चीन में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे.
वॉयस अगेंस्ट ऑटोक्रेसी (वीओए) के अनुसार, चीनी साइबरस्पेस प्रशासन ने मोबाइल और ऐप निर्माताओं के लिए नियम जारी किए हैं कि वे उन ऐप्स को अपडेट या सुधारना बंद करें जो चीनी शासन के लिए समस्याएं पैदा करने वाले डेटा या चित्रों को अपलोड करने और डाउनलोड करने में मदद कर सकते हैं.
इंटरनेट सेंसरशिप और नियंत्रण चीन के लिए कोई नई बात नहीं है, जिसने वर्ष 2000 से सख्त दिशानिर्देश लागू किए हैं. देश के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने गोल्डन शील्ड प्रोजेक्ट लॉन्च किया, जो सामग्री को प्रतिबंधित करने और व्यक्तियों की पहचान करने और उनका पता लगाने के उद्देश्य से सेंसरशिप और निगरानी का एक जटिल तंत्र है.
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