भुवनेश्वर, 28 जनवरी (भाषा) प्रसिद्ध संबलपुरी लोक गीत ‘रंगबती’ से जुड़े लोगों को पांच वर्षों की अवधि में तीन पद्म श्री पुरस्कार मिले हैं और यह देश में अपनी तरह की पहली उपलब्धि है।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार चार दशक पुराने इस रोमांटिक गीत के पुरुष और महिला दोनों लेखक और गायकों को दिया गया है।
जानी-मानी गायिका कृष्णा पटेल को इस साल पद्म पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई है।
इससे पहले गीत के पुरुष गायक जितेंद्र हरिपाल और लेखक मित्रभानु गौंटिया को क्रमशः 2017 और 2020 में पुरस्कार दिया गया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोक संगीत कलाकारों, विशेष रूप से ‘रंगबती’ गीत बनाने में शामिल लोगों को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।
प्रधान ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने इसके लेखक मित्रभानु गौंटिया के गांव बिलुंग को रंगबती बिलुंग घोषित कर गीत को सम्मानित किया है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र ने लोगों की भावनाओं, उनकी कला, संस्कृति और संगीत का सम्मान किया है।
यह गीत पहली बार 1970 के दशक के मध्य में ऑल इंडिया रेडियो द्वारा रिकॉर्ड किया गया था। कोलकाता स्थित ‘इंडियन रिकॉर्ड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड’ ने 1976 में गाने को फिर से रिकॉर्ड किया। हालांकि, विवाद के कारण डिस्क रिलीज में देरी हुई और अंततः इसे 1978-79 में रिलीज किया गया।
इस गीत ने 1970 और 1980 के दशक में लोकप्रियता हासिल की। राज्य में विवाह समारोहों और देवी दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन से जुड़े कार्यक्रमों में अक्सर यह गीत गाया जाता है।
प्रधान ने कहा, ‘‘गीत पिछले चार दशकों से संगीत की दुनिया पर छाया हुआ है और अभी भी युवा और वृद्धों को आकर्षित करता है।’’
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
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