नई दिल्लीः भारत यात्रा पर पहुंचे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के स्वागत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वक्तव्य दिया. उन्होंने लगातार बेहतर हो रहे दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौते की तारीफ की. आतंकवाद पर दोनों देशों को एकमत बताया और इसका मुकाबला, समुद्री सुरक्षा और साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में दोनों देशों के संबंध और मजबूत करने की उम्मीद जताई.
नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण
फ्रेंड्स, भारत में पहले राजकीय दौरे पर रॉयल हाईनेस और उनके डेलीगेशन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. भारत और सऊदी अरब के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध सदियों पुराने हैं और यह सदैव सौहार्द-पूर्ण और मैत्री-पूर्ण रहे हैं. हमारे लोगों के बीच के घनिष्ठ और निकट संपर्क हमारे देशों के लिए एक सजीव सेतु हैं. हिज मेजेस्टी की, और रॉयल हाईनेस आपकी, व्यक्तिगत रुचि और मार्गदर्शन से हमारे द्विपक्षीय सबंधों में और भी प्रगाढ़ता, मधुरता और शक्ति आई हैं. आज, 21वीं सदी में, सऊदी अरब, भारत का सबसे मूल्यवान रणनीतिक साझीदार है. यह हमारे विस्तृत पड़ोस में है, एक करीबी दोस्त है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्रोत भी है.
2016 में सऊदी अरब की मेरी यात्रा के दौरान, हमने अपने संबंधों को विशेष रूप से, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में कई नए आयाम दिए थे. आपसे अर्जेन्टीना में 2 माह पहले हुई मुलाकात के परिणाम-स्वरूप सुरक्षा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक साझेदारी के सार ने नया विस्तार लिया है. मुझे खुशी है कि आपके सुझाव की रूपरेखा के अनुसार, हम द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन और स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल की स्थापना के लिए सहमत हुए हैं. इनसे हमारे संबंधों को मज़बूती, गति और प्रगति का लाभ मिलेगा.
फ्रेंड्स, आज हमने द्विपक्षीय संबंधों के सभी विषयों पर व्यापक और सार्थक चर्चा की है. हमने अपने आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का निश्चय किया है. हमारे अर्थतंत्र में साऊदी अरब से संस्थागत निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए, हम एक ढांचा स्थापित करने पर सहमत हुए हैं. मैं भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में सऊदी अरब के निवेश का स्वागत करता हूं.
Your Royal Highness, आपके ‘विज़न 2030’ और आपके नेतृत्व में हो रहे आर्थिक सुधार, भारत के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ के पूरक हैं. हमारे ऊर्जा संबंधों को स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप में तब्दील करने का समय आ गया है. दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी और स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व में सऊदी अरब की भागीदारी, हमारे ऊर्जा संबंधों को क्रेता-विक्रेता संबंध से बहुत आगे ले जाती है.
हम अक्षय ऊर्जा के क्षेत्रों में अपने सहयोग को मज़बूत करने पर सहमत हुए हैं. हम इंटरनेशनल सोलर अलायंस में सऊदी अरब का स्वागत करते हैं. परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग, विशेष-रूप से वाटर डीसेलिनेशन और स्वास्थ्य के लिए, हमारे सहयोग के एक और आयाम होंगे. विशेषकर अपने रणनीतिक वातावरण के संदर्भ में, हमने आपसी रक्षा सहयोग को मज़बूत करने और उसका विस्तार करने पर भी सफल चर्चा की है.
पिछले साल भारत सऊदी अरब में प्रतिष्ठित जनाद्रियाह समारोह में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ था. आज हमने अपने सांस्कृतिक संबंधों को और मज़बूत करने का लक्ष्य रखा है. व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने के लिए सऊदी अरब के नागरिकों के लिए ई-वीज़ा का विस्तार किया जा रहा है. भारतीयों के लिए हज़ कोटे में वृद्धि के लिए हम हिज मेजेस्टी और रॉयल हाइनेस के आभारी हैं. 2.7 मिलियन भारतीय नागरिकों की सऊदी अरब में शान्तिपूर्ण और उपयोगी उपस्थिति हमारे बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है. रॉयल हाइनेस ने सऊदी अरब की प्रगति में उनके सकारात्मक योगदान की प्रशंसा की है. आपने हमेशा उनकी भलाई का खयाल रखा है. इसके लिए उनका आभार और दुआएं आपके साथ हैं.
फ्रेंड्स, पिछले हफ्ते पुलवामा में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला, इस मानवता विरोधी खतरे से दुनिया पर छाए कहर की एक और क्रूर निशानी है. इस खतरे से प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार का समर्थन दे रहे देशों पर सभी संभव दबाव बढ़ाने की आवश्यकता है. आतंकवाद का इंफ्रास्ट्रक्चर नष्ट करना और इसको समर्थन समाप्त करना और आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सजा दिलाना बहुत जरूरी है. साथ ही अतिवाद के खिलाफ सहयोग और इसके लिए एक मज़बूत कार्ययोजना की भी ज़रूरत है, ताकि हिंसा और आतंक की ताकतें हमारे युवाओं को गुमराह न कर सकें. मुझे खुशी है कि सऊदी अरब और भारत इस बारे में साझा विचार रखते हैं.
फ्रेंड्स, पश्चिम एशिया और खाड़ी में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में हमारे दोनों देशों के साझा हित हैं. आज हमारी बातचीत में, इस क्षेत्र में हमारे कार्यों में तालमेल लाने और हमारी भागीदारी को तेजी से आगे बढ़ाने पर सहमति हुई है. हम इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि आतंकवाद का जवाब देने कि लिए समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में और मजबूत द्विपक्षीय सहयोग दोनों देशों के लिए लाभप्रद रहेंगे.
Your Royal Highness, आपकी यात्रा ने हमारे रिश्तों के तेज विकास को एक नया आयाम दिया है. मैं एक बार फिर, हमारे निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए रॉयल हाईनेस का शुक्रिया अदा करता हूं. मैं उनके और प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों की भारत में सुखद प्रवास की कामना भी करता हूं.
(भारतीय विदेश मंत्रालय से लिया गया)