नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को ब्रिटेन के ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री के संबंध में ‘दुर्भावनापूर्ण अभियानों’ पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग ‘भारत में बीबीसी को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर मानते हैं.’
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि वो ‘अपने नैतिक आकाओं को खुश करने’ के लिए किसी भी हद तक देश की गरिमा और छवि को ‘कम’ कर सकते हैं.
ट्विटर पर रिजिजू ने कहा कि देश में अल्पसंख्यक सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहे हैं.
रिजिजू ने ट्वीट किया, ‘अल्पसंख्यक, या उस मामले में भारत में हर समुदाय सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहा है. भारत की छवि को भारत के अंदर या बाहर शुरू किए गए दुर्भावनापूर्ण अभियानों से अपमानित नहीं किया जा सकता है. पीएम नरेंद्र मोदी जी की आवाज 1.4 अरब भारतीयों की आवाज है.’
उन्होंन आगे ट्वीट किया, ‘भारत में कुछ लोग अभी भी औपनिवेशिक नशा से दूर नहीं हुए हैं. वे लोग बीबीसी को भारत का उच्चतम न्यायालय से ऊपर मानते हैं और अपने नैतिक आकाओं को खुश करने के लिए देश की गरिमा और छवि को किसी भी हद तक गिरा देते हैं.’
भारत में कुछ लोग अभी भी औपनिवेशिक नशा से दूर नहीं हुए हैं। वे लोग बीबीसी को भारत का उच्चतम न्यायालय से ऊपर मानते हैं और अपने नैतिक आकाओं को खुश करने के लिए देश की गरिमा और छवि को किसी भी हद तक गिरा देते हैं।
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 22, 2023
उन्होंने लिखा कि इन लोगों से कोई उम्मीद नहीं कि जा सकती है जिनका ‘एकमात्र उद्देश्य भारत को कमजोर करना है.’
रिजिजू ने आगे लिखा, ‘वैसे भी इन टुकड़े-टुकड़े गिरोह के सदस्यों से कोई बेहतर उम्मीद नहीं है, जिनका एकमात्र लक्ष्य भारत की ताकत को कमजोर करना है.’
बता दें कि इससे पहले, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख संजीव त्रिपाठी ने बीबीसी की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को ‘पूर्वाग्रही, पक्षपाती और तथ्यात्मक त्रुटियों से भरा’ हुआ बताया था.
उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री की सभी को निंदा करनी चाहिए.
त्रिपाठी ने पीएम मोदी पर डॉक्यूमेंट्री के पीछे बीबीसी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह ‘प्रेरित’ लगता है. उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री में 2002 के गुजरात दंगों और गोधरा ट्रेन जलाने की घटना को दिखाया गया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मामले में पीएम मोदी को क्लीन चिट दी थी.
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर कठोर प्रतिक्रिया में, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, नौकरशाहों और सशस्त्र बलों के दिग्गजों सहित 300 से अधिक प्रतिष्ठित भारतीयों ने भारत और उसके नेता के प्रति “अविश्वसनीय पूर्वाग्रह” दिखाने के लिए उसकी निंदा की थी.
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