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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशNIA ने PFI के 20 सदस्यों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, इस्लामिक शासन लाने के लिए बनाए थे 'किलर स्क्वाड'

NIA ने PFI के 20 सदस्यों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, इस्लामिक शासन लाने के लिए बनाए थे ‘किलर स्क्वाड’

NIA ने कहा कि सर्विस टीम के सदस्यों को PFI के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर तय किए गए लक्ष्यों पर हमला करने और उन्हें जान से मारने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी.

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नई दिल्लीः प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने अपने एजेंडे के तहत समाज में आतकंवाद, सांप्रदायिक नफरत, अशांति फैलाने और 2047 तक देश में इस्लामिक शासन स्थापित के अपने मकसद को आगे बढ़ाने और ‘कथित दुश्मनों’ का सफाया करने के उद्देश्य से गुप्त टीमें बनाईं थीं, जिसे उसने ‘सर्विस टीम’ या ‘किलर स्क्वाड’ नाम दिया था.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल कर्नाटक के बेल्लारे गांव में बीजेपी के युवा मोर्चा जिला समिति के सदस्य प्रवीण नेट्टारू की हत्या के संबंध में बेंगलुरु की एक विशेष अदालत के समक्ष शुक्रवार को दायर चार्जशीट में ये खुलासे किए.

बता दें कि विशेष सदस्यों के बीच कथित तौर पर आतंक फैलाने के मकसद से नेट्टारू की घातक हथियारों से सावर्जनिक तौर पर हत्या कर दी गई थी.

एनआईए ने पीएफआई के 20 सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

चार्जशीट में गया है, “इन सर्विस टीम के सदस्यों को कुछ विशेष समूहों और समुदायों के नेताओं और व्यक्तियों को निशाना बनाने के उद्देश्य से हथियारों के साथ-साथ हमले करने और निगरानी रखने की ट्रेनिंग दी गई थी.”

एनआईए ने कहा, “सर्विस टीम के सदस्यों को पीएफआई के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर चिन्हित लक्ष्यों पर हमला करने और उन्हें जान से मारने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी.”

चार्जशीट में कहा गया है कि पीएफआई के सदस्यों और नेताओं द्वारा बेंगलुरू शहर, सुलिया टाउन और बेल्लारे गांव में आयोजित साजिश की बैठकों में, “जिला सेवा दल के प्रमुख मुस्तफा पचर को निर्देश थे कि वह किसी विशेष समुदाय के एक प्रमुख सदस्य की पहचान करें और उसे निशाना बनाए.”

इसमें ये भी कहा गया, “निर्देशों के अनुसार, चार लोगों की पहचान की गई और उनमें से, प्रवीण नेट्टारू पर पिछले साल 26 जुलाई को घातक हथियारों से हमला किया गया और लोगों के बीच आतंक फैलाने के मकसद से घातक हथियारों से उनकी हत्या की गई.”

चार्जशीट में नामजद किए गए पीएफआई के 20 सदस्यों में से छह फरार हैं.

एनआईए ने मामले के संबंध में फरार सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले लोगों के लिए इनाम घोषित किए हैं.

आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 153ए, 302, 34 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम- यूएपीए की धारा 16, 18 और 20 और धारा 25(1)(ए) और आर्म्स एक्ट को चार्जशीट में शामिल किया गया है.

मोहम्मद शियाब, अब्दुल बशीर, रियाज, मुस्तफा पाइचर, मसूद केए, कोडाजे मोहम्मद शेरिफ, अबुबक्कर सिद्दीक, नौफल एम, इस्माइल शफी के, के महम्मद इकबाल, शहीद एम, महम्मद शफीक जी, उमर फारूक एमआर, अब्दुल कबीर सीए, मुहम्मद इब्राहिम शा , सैनुल आबिद वाई, शेख सद्दाम हुसैन, जकीर ए, एन अब्दुल हारिस, थुफैल एमएच को चार्जशीट में नामजद किया गया है.

इसके अलावा, अभियुक्तों में मुस्तफा पाइचर, मसूद केए, कोडाजे मोहम्मद शेरिफ, अबुबक्कर सिद्दीक, उमर फारूक एमआर और थुफैल एमएच फिलहाल फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी की सूचना के लिए इनाम घोषित किए गए हैं.

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में यूएपीए के तहत पीएफआई और उसके सहयोगियों पर पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंधित लगा दिया था.


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