चंडीगढ़: हरियाणा के मंत्री अनिल विज को एक और झटका देते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने मंगलवार को एकबार फिर बड़ा फेरबदल किया. इस फेरबदल में अनिल विज ने राज्य के उन दो प्रमुख विभागों तकनीकी शिक्षा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी को खो दिया है, क्योंकि इन विभागों का विलय उच्च शिक्षा विभाग में कर दिया गया था, जो मंत्री मूलचंद शर्मा के पास था.
जबकि विज के पास फिलहाल गृह, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान और आयुष विभाग हैं, जनवरी 2020 में सीआईडी का नियंत्रण खोने के बाद तकनीकी शिक्षा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभागों का हाथ से जाना मंत्री के लिए दूसरा बड़ा झटका है, जब इसे सीआईडी से बाहर कर दिया गया था तब यह गृह विभाग के दायरे में था.
मंगलवार को जारी सरकारी अधिसूचना को अगर पढ़ें, “हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर, तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद के सदस्यों के बीच विभागों में बड़ा फेरबदल किया है.”
इस फेरबदल के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास अब सबसे अधिक विभाग हैं. उनके पास जो पहले से हैं, उन्हें मिलाकर, सीएम अब हरियाणा सरकार में 14 विभागों के प्रमुख होंगे.
इनमें वित्त, संस्थागत वित्त और ऋण नियंत्रण, नगर, ग्राम आयोजना और शहरी संपदा, सिंचाई और जल संसाधन, योजना, न्याय प्रशासन, वास्तुकला, सामान्य प्रशासन, आपराधिक जांच, कार्मिक और प्रशिक्षण, राजभवन मामले, सामाजिक न्याय और अधिकारिता शामिल हैं. अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय (सेवा), युवा अधिकारिता और उद्यमिता, सूचना, जनसंपर्क, भाषा और संस्कृति और खेल विभाग और कोई भी अन्य विभाग जो विशेष रूप से किसी मंत्री को आवंटित नहीं किया गया है वह सभी खट्टर के पास हैं.
खेल विभाग पहले संदीप सिंह के पास था, जिन पर चंडीगढ़ पुलिस ने कथित यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है. सिंह ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मंत्रालय का प्रभार छोड़ दिया.
इस बीच, बुधवार को दिप्रिंट से बात करते हुए विज ने कहा कि उन्हें दिए गए विभागों की संख्या उनके लिए मायने नहीं रखती. उन्होंने कहा, “मैं अपना काम प्रतिबद्धता के साथ करता हूं और करता रहूंगा.”
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में, विज वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के बॉस थे. विज के दो विभागों को खोने के एक दिन पहले, खेमका को भी अपेक्षाकृत कम प्रोफ़ाइल वाले अभिलेखागार विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था.
मंगलवार के पुनर्आवंटन की उम्मीद थी, क्योंकि हरियाणा सरकार ने 1 जनवरी को एक अधिसूचना जारी कर समान प्रकृति के विभागों को उनके कामकाज में तालमेल लाने और प्रशासनिक दक्षता में सुधार करने के लिए विलय करने के अपने निर्णय की घोषणा की थी.
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किसको क्या मिला
हरियाणा कैबिनेट में इस समय सीएम खट्टर समेत 14 मंत्री हैं.
मंगलवार को हुए विभागों के फेरबदल ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के प्रोफाइल में कोई फेरबदल नहीं किया गया है. क्योंकि वे राजस्व और आपदा प्रबंधन, उत्पाद शुल्क और कराधान, उद्योग और वाणिज्य, लोक निर्माण (बी एंड आर), खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले, नागरिक उड्डयन और पुनर्वास विभागों के प्रभारी बने रहेंगे.
शिक्षा मंत्री कंवर पाल, जो पहले स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों के विभागों को संभालते थे, अब स्कूल शिक्षा, संसदीय मामले, आतिथ्य, पर्यावरण, वन और वन्यजीव, और विरासत और पर्यटन विभागों के प्रमुख होंगे.
मंत्री मूलचंद शर्मा अब परिवहन, खान और भूविज्ञान, चुनाव और उच्च शिक्षा विभागों के प्रमुख होंगे, जबकि रणजीत सिंह ऊर्जा और जेल विभाग संभालते रहेंगे.
जय प्रकाश दलाल कृषि और किसान कल्याण, पशुपालन और डेयरी, मत्स्य पालन और कानून और न्याय विभाग के प्रमुख होंगे, जबकि डॉ बनवारी लाल सहकारिता और जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभागों के प्रमुख बने रहेंगे.
डॉ. कमल गुप्ता शहरी स्थानीय निकायों और सभी के लिए आवास के प्रमुख बने रहेंगे, जबकि देवेंद्र सिंह बबली अब विकास और पंचायतों के प्रमुख होंगे.
राज्य मंत्रियों में, ओम प्रकाश यादव सैनिक और अर्ध सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के कल्याण और अंत्योदय (सेवा) (मुख्यमंत्री खट्टर से जुड़े) के प्रमुख होंगे, कमलेश ढांडा महिला और बाल विकास के प्रमुख होंगे (स्वतंत्र प्रभार) और अभिलेखागार (स्वतंत्र प्रभार), जबकि अनूप धानक श्रम (स्वतंत्र प्रभार), राजस्व और आपदा प्रबंधन (डिप्टी सीएम चौटाला से जुड़े), उद्योग और वाणिज्य (डिप्टी सीएम से जुड़े) और खाद्य, नागरिक आपूर्ति के प्रमुख होंगे. और उपभोक्ता मामले (डिप्टी सीएम के साथ जुड़े रहेंगे).
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(संपादन: अलमिना खातून)
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