काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने मंगलवार को देश की संसद में विश्वास मत जीत लिया. नेपाल के राजनीतिक इतिहास में एक दुर्लभ मामले में, प्रचंड 99 प्रतिशत समर्थन पाने वाले पहले प्रधानमंत्री बने. प्रधानमंत्री के लिए विश्वास मत की मतदान प्रक्रिया आज नेपाल की संसद में संपन्न हुई.
प्रचंड ने नेपाल की संघीय संसद के 275 सदस्यीय निचले सदन से कुल 268 वोट हासिल किए. एक मेंबर को हटा दिया दिया गया और चार मेंबर को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई.
275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में नेपाल कांग्रेस (नेकां) के 89 विधायक हैं, जबकि यूएमएल के 79 विधायक हैं. इसी तरह, सीपीएन (माओवादी सेंटर), सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के क्रमश: 32, 10 और 20 सदस्य हैं. संसद में जनमत पार्टी के 6 सदस्य, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के 4 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के 3 सदस्य हैं.
प्रचंड ने पिछले महीने सीपीएन-यूएमएल (नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी- यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट) और पांच अन्य दलों 2 अन्य स्वतंत्र सांसदों के साथ एक और गठबंधन बनाकर लोकतांत्रिक-कम्युनिस्ट से गठबंधन तोड़ लिया था.
सोमवार देर शाम दहल विश्वास मत पर समर्थन मांगने के लिए विपक्षी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के पास पहुंचे थे.
गौरतलब है कि, प्रचंड और ओली ने बारी-बारी से देश पर शासन करने के लिए एक समझौता किया है, ओली बाद में पीएम बनने की मांग के मुताबिक पहले प्रचंड को प्रधानमंत्री बनाने के लिए सहमत हुए हैं.
यह भी पढे़ं: ‘हिंदुत्व दरकिनार’ – क्यों दक्षिणपंथी संगठन श्री राम सेना ने कर्नाटक चुनाव में BJP के सामने लड़ने की योजना बनाई है