नई दिल्ली: पिछले कुछ वर्षों से मुख्यमंत्रियों द्वारा धरना प्रदर्शन करने का दौर चल पड़ा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बाद अब पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी धरने पर बैठे हुए हैं. बहरहाल वह उपराज्यपाल के घर के बाह पिछले दो दिनों से धरना दे रहे हैं. उनके साथ उनके पांच मंत्री भी धरने पर बैठे हैं.
कांग्रेस नेता ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ बुधवार की रात राज निवास के बाहर सड़क पर बिताई. वे एक मोटी चादर और कंबल बिछाकर सड़क पर ही सो गए हैं.
इसी बीच एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बेदी गुरुवार सुबह चेन्नई के लिए रवाना हो गईं. उनकी चेन्नई से दिल्ली जाने की संभावना है. नारायणसामी ने बुधवार को काली शर्ट और काली धोती पहनकर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया. वह बेदी के खिलाफ अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की अनुमति न देने को लेकर विरोध कर रहे हैं.
इनके साथ कई मंत्री और द्रमुक सांसद भी शामिल हैं. नारायणसामी ने बेदी पर सरकार की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया. नारायणसामी के विरोध प्रदर्शन से दो दिन पहले बेदी ने सड़क पर उतरकर दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने की सलाह दी थी.
बेदी दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट का नियम एक ही बार में लागू कराना चाहती हैं, जबकि नारायणसामी चाहते हैं कि यह विभिन्न चरणों में हो. वहीं, बेदी ने बुधवार शाम को नारायणसामी को 21 फरवरी को बैठक करने के लिए आमंत्रित किया.
बेदी ने नारायणसामी को लिखे अपने पत्र में कहा, “पत्र में जिन सभी मामलों का आपने उल्लेख किया है उनके विचारशील जवाब के लिए जांच की आवश्यकता है. कहने की जरूरत नहीं है कि राज निवास (जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है) में कोई भी मुद्दा लंबित नहीं है. इसके अलावा आपने अपने पत्र में कहीं नहीं कहा कि जब तक आपको 13 फरवरी तक जवाब नहीं मिल जाता..आप और आपके सहयोगी बाहर आकर धरने पर बैठेंगे.”
बेदी ने कहा, ‘मैं हालांकि 21 फरवरी को सुबह 10 बजे इन मामलों पर विस्तृत चर्चा के लिए आपको आमंत्रित करती हूं.’ नारायणसामी और अन्य मंत्रियों द्वारा अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने के बाद यहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.