प्रसिद्ध प्रोफेसरों और वैज्ञानिकों को सार्वजनिक रूप से दी गई श्रद्धांजलि की वजह से बीजिंग के लिए कोविड-19 से मरने वालों की संख्या को छिपाना मुश्किल हो गया है. चीन ने नए साल में ताइवान के खिलाफ अपने अभियान तेज कर दिए हैं, जबकि सेमीकंडक्टर उद्योग बीजिंग के गले की फांस बन गया है. तालिबान ने चीन के साथ 540 मिलियन डॉलर के तेल सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं. चायनास्कोप आपके लिए चीन की खबरों को लेकर आया है खासकर तब जब चीनी, ताइवान और हांगकांग चीनी नव वर्ष में प्रवेश करने की तैयारी कर रहे हैं.
इस हफ्ते चीन
सूचना के तीव्र प्रवाह के युग में डेटा में हेर-फेर करना चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के लिए भी मुश्किल हो सकता है.
पिछले कुछ हफ्तों में, चीनी अनुसंधान संस्थानों और वैज्ञानिक संगठनों ने प्रसिद्ध डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की श्रद्धांजलियां प्रकाशित की हैं, जिससे बीजिंग के लिए इस नई कोविड लहर से मरने वालों की संख्या को छिपाना मुश्किल हो गया है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने लिखा, ‘चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग ने बताया कि 16 की औसत वार्षिक मृत्यु दर की तुलना में एक महीने से भी कम समय में 20 सदस्यों की मृत्यु हो गई है.’
कोविड संबंधी जटिलताओं से होने वाली मौतें केवल इंजीनियरों और वैज्ञानिकों तक ही सीमित नहीं हैं; मशहूर हस्तियों को दी गई श्रद्धांजलियों ने इस बात की पुष्टि की है कि यह संकट कितना बड़ा है. ऑनलाइन सर्कुलेट होने वाली कुछ श्रद्धांजलियों के अनुसार, न्यू पेकिंग ओपेरा फेम के 39 वर्षीय ओपेरा गायक चू लानलान, जिन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक के दौरान भी परफॉर्म किया था, उनका कोविड-संबंधी जटिलता के कारण निधन हो गया.
एक दूसरे ऑनलाइन ऑबिचुरी के मुताबिक, एक अन्य हस्ती, 87 वर्षीय झाओ किंग का हाल के दिनों में निधन हो गया.’
ओमिक्रॉन वेरिएंट BF.7 और BA.5.2 से मरने वाली चीनी हस्तियों के नाम चीनी सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं.
18 अक्टूबर 2022 से जान गंवाने वाले 34 चीनी चित्रकारों की सूची वीबो पर साझा की गई. इस सूची के अधिकांश प्रसिद्ध चित्रकार 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के थे.
इस बीच, चीन बड़े पैमाने पर कोविड संक्रमण से जूझ रही आबादी के लिए एक प्रभावी टीका विकसित करने के लिए संघर्ष कर रहा है. चीनी वैक्सीन निर्माता कैनसिनोबायो (CanSinoBio) ने उन लोगों के लिए MRNA बूस्टर टीका विकसित करने का दावा किया है, जिन्हें चीन में उपलब्ध पारंपरिक टीकों के दो या तीन शॉट पहले ही मिल चुके हैं.
बूस्टर के रूप में दिए जाने पर नया शॉट एक पुराने टीके की तुलना में 23 से 29 गुना अधिक एंटीबॉडी बनाता है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल से बात करने वाले चीनी सरकारी अधिकारियों और सलाहकारों के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश में विरोध प्रदर्शनों की लहर के और सरकार के भीतर से भी मांग उठने के बाद हो सकता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कड़ी कोविड नीतियों को रद्द करने का फैसला लिया हो.
अत्यधिक कोविड संक्रमण और मौतों की परेशान करने वाली वास्तविकता ने शी को टीवी पर नए साल पर लोगों को संबोधित करने से नहीं रोका. चीनी राष्ट्रपति ने बीजिंग में अपने कार्यालय के बाहर भाषण दिया, जहां उनके पीछे शेल्फ पर रखी किताबें दिखाई दे रही थीं. सिन्हुआ समाचार एजेंसी के एक पत्रकार यांग लियू ने अपने समाचार पत्र में शी की बुकशेल्फ़ पर शीर्षकों का एक संक्षिप्त विश्लेषण प्रकाशित किया. यह जानने लायक है कि वे क्या हैं.
अगर हम यह जानने की कोशिश करें कि शी के दिमाग में क्या चल रहा है तो, तो हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि 2023 में वे विश्व के नेताओं से मिलेंगे.
इस बीच, शुक्रवार को शी को बीजिंग में तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सर्दार बर्दीमुहामेदोव की मेजबानी करते देखा गया.
बर्दिमुहामेदोव की यात्रा के दौरान शी ने कहा, ‘दोनों पक्षों को तेज गति से प्रमुख परियोजनाओं पर सहयोग को आगे बढ़ाने और हरित ऊर्जा, प्राकृतिक गैस उपयोग, ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और उपकरणों जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.’
पिछले सप्ताह बीजिंग का दौरा करने वाले एक अन्य नेता फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर थे. दोनों पक्षों ने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी पर जोर दिया.
मार्कोस के साथ बैठक के दौरान शी ने कहा, “फिलीपीन्स के समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों को ‘हार्ड’ इन्फ्रास्ट्रक्चर और ‘सॉफ्ट’ बुनियादी ढांचे सहित दूरसंचार, बड़े डेटा और ई-कॉमर्स में व्यापक सहयोग की आवश्यकता है.
2023 में, ताइवान 2024 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान की तैयारी करेगा, जिसे चीन आईलैंड देश के मामलों में हस्तक्षेप करने के अवसर के रूप में उपयोग करेगा. बीजिंग ने इस उद्देश्य के लिए अपने प्रभाव अभियान तेज कर दिए हैं.
चीन की कम्युनिस्ट यूथ लीग (सीवाईएलसी) की केंद्रीय समिति, एक सीसीपी-संबद्ध संस्था, ने इस संदेश को प्रसारित करने की कोशिश की कि ताइवानी वायु सेना 2019 में ताइवान स्ट्रेट में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की कार्रवाइयों का जवाब नहीं दे सकी थी.
सीवाईएलसी केंद्रीय समिति ने वीबो पर एक पोस्ट में लिखा,“हाल ही में, ताइवान में एक सेवानिवृत्त वायु सेना जनरल झांग यान्टिंग ने कहा कि पीएलए सैन्य विमान ताइवान के चारों ओर घूमते हुए ताइवान पहुंचे. ताइवान की जमीन पर उड़ान भरने में केवल 3 मिनट लगते हैं, लेकिन ताइवान के सैन्य लड़ाकू विमानों को आपात स्थिति में भेजने में कम से कम 6 मिनट लगते हैं.”
यह पोस्ट ताइवान के एयरफोर्स के पूर्व डिप्टी कमांडर झांग यानटिंग के दावे पर आधारित था.
झांग ने कहा, “आपने बिल्कुल भी आपातकालीन टेकऑफ़ नहीं किया, और वह पहले ही ताइवान के ऊपर आसमान में पहुंच चुका है.” एक हैशटैग को को 90 मिलियन से अधिक बार देखा गया था, और यह हैशटैग था- ‘वॉर डिफेंस आर्मी के वॉरप्लेन 3 मिनट में पहुंचते हैं, जबकि ताइवान की सेना इसे 6 मिनट में जान पाती है.’
संदेश को आधिकारिक चीनी राज्य मीडिया द्वारा भी प्रसारित किया गया था.
ताइवान में राष्ट्रीय और स्थानीय चुनावों के परिणाम को प्रभावित करने के लिए बीजिंग ने ताइपे की अपेक्षाकृत कमजोर सैन्य क्षमता को बढ़ाचढ़ाकर दिखाने की कोशिश की है.
झांग ने अतीत में इसी तरह की टिप्पणियां की हैं, लेकिन समय गवाह है कि बीजिंग ने इन्फॉर्मेशन ऑपरेशन के माध्यम से ताइवान की राजनीति को प्रभावित करने की लगातार कोशिश की है.
नए साल में सिर्फ एक सप्ताह में, ताइवान स्ट्रेट और व्यापक भारत-प्रशांत क्षेत्र सुरक्षा के मामले में कोसों दूर है.
29 दिसंबर को, एक चीनी युद्धपोत यूएस-नियंत्रित द्वीप गुआम के पास तैरता हुआ नजर आया, जिसे ताइवान स्ट्रेट में अमेरिका द्वारा की जाने वाली किसी भी कार्रवाई की पूर्व चेतावनी के तौर पर देखा गया.
घरेलू सेमीकंडक्टर पावर हाउस विकसित करने की बीजिंग की चाह की वजह से हाल के सप्ताहों में काफी उथल-पुथल रही है.
अब, शीर्ष चीनी अधिकारी सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए महंगी सब्सिडी को रोकने पर विचार कर रहे हैं, जिनके स्वदेशी समाधान विकसित करने के प्रयासों के परिणाम नहीं मिले हैं.
जिसे ‘चिप वॉर’ करार दिया गया है, सबसे उन्नत सेमीकंडक्टर चिप्स के घरेलू विकास को सुनिश्चित करने की दौड़ इस साल सीसीपी के शीर्ष एजेंडे में से एक है.
बीजिंग सरकार न केवल अपनी निवेश योजना में बदलाव कर रही है बल्कि चीनी सेमीकंडक्टर उद्योग को अस्थिर करने की वॉशिंगटन की रणनीति को चुनौती देने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ रही है. हाल ही में, बीजिंग ने अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक औपचारिक शिकायत दर्ज की, जो चीनी कंपनियों को उन्नत चिप्स और चिप बनाने वाले उपकरणों की बिक्री को सीमित करता है.
बीजिंग द्वारा कुछ सप्ताह पहले फाइल किए गए व्यापार विवाद ने एक और मोड़ ले लिया है.
ताइवान ने तीसरे पक्ष के रूप में सुनवाई में शामिल होने के लिए अर्जी दी है क्योंकि उसे लगता है कि परिणाम लंबे समय में उसके सेमीकंडक्टर उद्योग को प्रभावित कर सकता है. ताइपे बीजिंग और वाशिंगटन के बीच विवाद में कोई पक्ष लेने के बजाय वार्ता की मेज पर एक सीट चाहता है.
बीजिंग को हाल के एक फैसले के माध्यम से डब्ल्यूटीओ मेकैनिज़म के साथ सफलता मिली, जहां उसने अमेरिका की स्थिति को ठीक किया कि हांगकांग में बने सामान ‘चीन में बने’ हैं. बीजिंग इस विश्व व्यापार संगठन तंत्र के माध्यम से सेमीकंडक्टर निवेश और अन्य क्षेत्रों पर प्रतिबंधों से लड़ेगा इसमें वह कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
यह भी पढ़ें: शी ने अमेरिका से होड़ और अपनी सत्ता के खिलाफ चुनौतियों को कम करने के लिए टेक्नोक्रेट्स को आगे बढ़ाया
वर्ल्ड न्यूज़ में चीन
यदि कोई राजनयिक है जिसने लद्दाख में सैन्य शत्रुता की शुरुआत और चरम देखा तो वह पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला थे.
एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार में श्रृंगला ने कहा, “चीन के साथ मुद्दा, मेरे करियर की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.”
श्रृंगला ने कहा, “अब तक हमने जो बातचीत की है वह सेना के कमांडरों के स्तर पर है, जो लद्दाख सेक्टर का नेतृत्व करने वाले कोर कमांडर हैं, इसलिए यह सेना से सेना की बात है, लेकिन हमारे पास हमेशा हमारे वरिष्ठ राजनयिकों में से एक हमेशा इसमें शामिल थे, और मुझे यकीन है कि चीनी पक्ष के पास उनके लोग थे. इसलिए अनिवार्य रूप से, वार्ता उन मुद्दों को का हल खोजने तक सीमित थी जो पश्चिमी क्षेत्र में लद्दाख की ओर एलएसी [वास्तविक नियंत्रण रेखा] पर थे, और मुझे लगता है कि कुछ प्रगति हुई है.”
चीन के साथ सैन्य स्तर पर हुई वार्ता में काफी धीमी प्रगति हुई है, लेकिन इसने नरेंद्र मोदी सरकार को सीमावर्ती क्षेत्रों को सुरक्षित करने के लिए नए कदम उठाने से नहीं रोका है.
3 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अलॉन्ग-यिंकिओनग रोड पर बने 100 मीटर ‘क्लास-70’ स्टील और आर्क सुपरस्ट्रक्चर वाले सिओम ब्रिज का उद्घाटन किया.
सिंह ने कहा, “भारतीय सेना सीमा पर किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता रखती है.”
सियोम ब्रिज के उद्घाटन के अलावा, सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 27 परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया.
2021 में काबुल में बीजिंग और तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के बीच शुरुआती बातचीत के बाद, कुछ समय के लिए बातचीत बंद हो गई थी. कई विशेषज्ञों ने नई विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ आने की पूर्व की क्षमता पर संदेह किया.
तालिबान ने अब उत्तरी अफगानिस्तान के अमु दरिया बेसिन से तेल निकालने के लिए चीन की झिंजियांग सेंट्रल एशिया पेट्रोलियम एंड गैस कंपनी (CAPEIC) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते में $150 मिलियन का प्रारंभिक निवेश शामिल है.
चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क (सीजीटीएन) ने रिपोर्ट किया, “अनुबंध के तहत, सीएपीईआईसी अफगानिस्तान में सालाना 150 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के अनुसार, अनुबंध की 25 साल की अवधि के तीन साल के भीतर निवेश बढ़कर 540 मिलियन डॉलर हो जाएगा.”
हालांकि समझौते पर हस्ताक्षर अफगानिस्तान में तमाम प्राकृतिक संसाधनों के दोहन वाली परियोजनाओं में बीजिंग की रुचि को दर्शाता है, लेकिन राजनीतिक रूप से अशांत काबुल में परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की कठिनाइयां एक बड़ी चुनौती बनी रहेंगी.
लंदन में रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूशन के सीनियर एसोसिएट फेलो रैफैल्लो पंटुची ने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह चीनी सौदों की बाढ़ की शुरुआत है, लेकिन हम अफगानिस्तान में बहुत सी चीनी कंपनियों को इसके लिए कोशिश करते हुए देखेंगे.”
इस बीच, पाकिस्तान ने एक बार फिर कर्ज के पहाड़ के नीचे डूबते हुए रेलवे के उन्नयन के लिए चीनी क्रेडिट लाइन का दोहन किया है. बीजिंग इस्लामाबाद को अपनी 1,700 किलोमीटर लंबी मेन लाइन 1 रेलवे के पुनर्निर्माण के लिए 10 अरब डॉलर देगा.
(लेखक स्तंभकार और स्वतंत्र पत्रकार हैं. वह पहले बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में चीन के मीडिया पत्रकार थे. वह वर्तमान में ताइपे में स्थित एक MOFA ताइवान फेलो है और उनका ट्विटर हैंडल @aadilbrar है. व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं.)
इस सप्ताह अवश्य पढ़ें
चीन में, एक गहरा नया काला बाज़ार उभर रहा है: नकली कोविड दवा – वू पेइयू
चीन की कोविड-19 लहर ग्रामीण इलाकों तक पहुंची – जेम्स पामर
बलूचिस्तान में चीन द्वारा संचालित सोने की खदान लाखों कमा रही है, लेकिन स्थानीय लोगों को इसमें से कुछ भी नहीं मिल रहा है – सैयद फ़ज़ल-ए-हैदर
चीनी निजी सुरक्षा अनुबंध उद्योग का एक एनाटॉमी – सर्गेई सुखकिन
(संपादन: शिव पाण्डेय)
(लेखक स्तंभकार और स्वतंत्र पत्रकार हैं. वे पहले बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में चीन के मीडिया पत्रकार थे. उनका ट्विटर हैंडल @aadilbrar है. व्यक्त विचार निजी हैं.)
यह भी पढ़ें: एके एंटनी की ‘हिंदू समर्थक’ अपील को मानने पर कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा फेल हो जाएगी