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Thursday, 21 November, 2024
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प्रकाश राज और KCR के बीच क्या चल रहा है? क्या राष्ट्रीय पार्टी की योजनाओं में वह अहम भूमिका निभाएंगे

बीआरएस नेताओं का कहना है कि अभिनेता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. वहीं राजनीतिक विश्लेषकों को लगता है कि कर्नाटक जैसे राज्यों में उनकी उपस्थिति का ज्यादा राजनीतिक महत्व नहीं होगा, लेकिन उनकी लोकप्रियता केसीआर को फायदा पहुंचा सकती है.

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हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव अपनी पार्टी का राज्य से बाहर विस्तार करने के लिए कर्नाटक में लोकप्रिय अभिनेता प्रकाश राज को अपने साथ लेकर आ रहे है. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.

केसीआर के नाम से जाने जाने वाले राव ने अभी कुछ समय पहले अपनी पार्टी का नाम बदलकर ‘भारत राष्ट्र समिति’ (बीआरएस) कर दिया था. अब वह चुनावी राज्य कर्नाटक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं. कहा जा रहा कि केसीआर इस बार जनता दल (सेक्युलर) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ सकते हैं, खासकर हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र के लगभग तीन दर्जन निर्वाचन क्षेत्रों में, जहां तेलुगू लोगों की अच्छी खासी संख्या है.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी तेलंगाना के बाहर के उन कुछ नेताओं में से एक थे, जिन्होंने पिछले महीने हैदराबाद में बीआरएस के लॉन्च समारोह में भाग लिया था.

बीआरएस के पदाधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि भारतीय जनता पार्टी के कट्टर आलोचक राज केसीआर की राष्ट्रीय विस्तार योजना में एक ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाने के लिए तैयार हैं.

अभिनेता केसीआर के साथ नियमित संपर्क में हैं. एक वरिष्ठ नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी ने दिप्रिंट को बताया, ‘आने वाले महीनों में, हम प्रकाश राज को बीआरएस और केसीआर की राष्ट्रीय पार्टी की योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देखेंगे. लेकिन किस तरह की भूमिका और इसे कहां और कैसे शुरू किया जाएगा- यह दोनों को तय करना है. वे इस संबंध में चर्चा कर रहे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘उनकी भूमिका को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता से रखा जाएगा. यह शायद कर्नाटक या महाराष्ट्र में हो सकता है. उनकी सेवाएं निश्चित रूप से उपयोग में लाई जाएंगी- चाहे वह सार्वजनिक वक्ता के रूप में हों या नेताओं के बीच समन्वयक के रूप में. अभी इस पर फैसला होना बाकी है.’

अभिनेता के ट्विटर अकाउंट की कवर पर खुद की एक तस्वीर लगी है जिसका कैप्शन है- ‘भारत एक विकल्प के लिए तैयार है’. पिछले हफ्ते राज ने तेलंगाना में केसीआर के शासन में विकास देखने की बात कहते हुए एक वीडियो ट्वीट किया था. इसमें लिखा था: ‘ए लीडर विथ अ विजन… विद ए इंटेंट फॉर ए बेटर टुमारो… थैंक यू #केसीआर गारू.’

वह बीआरएस के सोशल मीडिया सेल की पोस्ट को भी रीट्वीट कर रहे हैं, जिसमें बीआरएस (तत्कालीन टीआरएस) के विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश कर रहे भाजपा के ‘एजेंटों’ के कथित वीडियो के स्क्रीनशॉट भी शामिल हैं.

बीआरएस के नेताओं ने दिप्रिंट से बात की और कहा कि राज पार्टी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, वहीं राजनीतिक पर्यवेक्षकों की राय इससे थोड़ा अलग है. उनके मुताबिक, हालांकि राज की उपस्थिति का कर्नाटक में ज्यादा राजनीतिक महत्व नहीं होगा. लेकिन एक बहुमुखी अभिनेता के रूप में उनकी लोकप्रियता केसीआर को वहां कुछ फायदा पहुंचा सकती है.

राज्य और केंद्र में भाजपा के शासन की तुलना ‘कैंसर’ से करने से लेकर पार्टी को ‘जीरो नंबर’ देने तक, राज सत्तारूढ़ दल के मुखर आलोचक रहे हैं.

बहुभाषी अभिनेता ने कांग्रेस की भी आलोचना की है. उन्होंने 2019 में कथित तौर पर उन्हें लेकर फर्जी खबरें फैलाने के लिए पार्टी पर जमकर निशाना साधा था.

इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक राज ने दिप्रिंट के फोन और टेक्स्ट मैसेज का जवाब नहीं दिया था.

असफल राजनीतिक कैरियर

2019 में, प्रकाश राज ने बेंगलुरु केंद्रीय लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. वह बीजेपी के पीसी मोहन से हार गए थे. उन्होंने 2021 में टॉलीवुड (तेलुगु) इंडस्ट्री के मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन का चुनाव लड़ा था. यहां भी उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी.

उनका मूल नाम प्रकाश राय है. ‘राय’ उपनाम वाले लोग आमतौर पर कर्नाटक में बंट समुदाय के होते हैं, जिनकी राज्य के तटीय भागों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है.

लोकनीति नेटवर्क के राष्ट्रीय समन्वयक और राजनीतिक विश्लेषक संदीप शास्त्री ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की मजबूत उपस्थिति के चलते राज्य में क्षेत्रीय दलों के लिए कोई जगह नहीं है.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘अगर आप कर्नाटक में ऐतिहासिक रूप से चुनावों को देखेंगे, तो राष्ट्रीय दलों के बीच राज्य-आधारित दलों के लिए बहुत कम जगह नजर आएगी. ऐसे अधिकांश दल सिर्फ वोट शेयर छीनने का काम करते हैं. यहां तक कि जनता दल भी खिसककर राज्य में तीसरे नंबर पर आ गया है.’


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केसीआर के साथ जुड़ाव

केसीआर के साथ राज का जुड़ाव कोई नई बात नहीं है. केसीआर ने जबसे भाजपा और कांग्रेस के लिए एक वैकल्पिक ‘तीसरा मोर्चा’ बनाने की बात कही है, तबसे उन्हें हमेशा उनके साथ देखा जाता रहा है. केसीआर के साथ अभिनेता की पहली मुलाकात मार्च 2018 में हैदराबाद में हुई थी. एक महीने बाद वह केसीआर के साथ पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा से मिलने उनके आवास पर उनके संघीय मोर्चे की योजनाओं पर चर्चा करने के लिए पहुंच गए थे.

इस साल की शुरुआत में जब केसीआर ने मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूएसटी) के नेता उद्धव ठाकरे से वैकल्पिक मोर्चा बनाने की योजना पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की थी तब भी राज उनके साथ मौजूद थे. बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार भी मौजूद थे.

इस तरह की बैठकों में राज की उपस्थिति ने उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं और केसीआर की तत्कालीन योजनाओं में वह किस तरह की भूमिका निभा सकते थे, इसे लेकर जिज्ञासा पैदा की है. लेकिन जिस तरह एक मोर्चा बनाने का मुख्यमंत्री का विचार अमल में नहीं आ पाया, ठीक उसी तरह राज की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई. तीसरे मोर्चे की स्थापना के बारे में सालों तक बात करने के बाद केसीआर ने अप्रैल में कहा कि वह भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ लड़ने के लिए एक राष्ट्रीय पार्टी बनाएंगे.

बीआरएस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘अगर राज एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का इरादा रखते हैं, तो बीआरएस सही मंच होगा. और वास्तव में, हम सब चाहते हैं कि वह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. वह अपने विचारों के साथ बहुत प्रगतिशील हैं और यह हमारे लिए भी बहुत अच्छी बात होगी. वह अक्सर राष्ट्रीय राजनीति पर मुख्यमंत्री से बात करते हैं.’

उन्होंने आगे बताया, ‘आने वाले दिनों में इस पर चर्चा होगी और मुख्यमंत्री भी उनसे बात करेंगे. लेकिन यह पूरी तरह से राज पर निर्भर करता है कि वह किस तरह की भूमिका निभाना चाहते हैं. यह उनका फैसला होगा. हमने अभी तक उनके लिए किसी सटीक भूमिका या पद को अंतिम रूप नहीं दिया है.’

बीआरएस के शीर्ष नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र और यहां तक कि तमिलनाडु में नेताओं के साथ राज की निकटता फायदा पहुंचा सकती है. और यही कारण है कि उन्हें एक समन्वयक की भूमिका के तौर पर देखा जा रहा है.

‘राज की प्रसिद्धि केसीआर को पहचान दिलाएगी’

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज के प्रोफेसर नरेंद्र पाणि ने कहा कि राज कर्नाटक की राज्य की राजनीति में राजनीतिक रूप से महत्वहीन हैं, लेकिन एक बहुमुखी अभिनेता के रूप में उनकी लोकप्रियता कुछ राज्यों, खासकर कर्नाटक में केसीआर को फायदा दिला सकती है.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘वह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नहीं हैं. लेकिन अगर केसीआर एक राष्ट्रीय भूमिका की योजना बना रहे हैं और अन्य अन्य राज्यों में अपने पैर पसारना चाहते हैं, तो राज उन्हें यहां पहचान दिला पाने में सक्षम होंगे. क्योंकि बहुभाषी अभिनेता दक्षिण और यहां तक कि दिल्ली और महाराष्ट्र में भी काफी लोकप्रिय हैं. वह ज्यादा सा ज्यादा बस यही काम कर सकते हैं.’

पाणि ने आगे कहा कि कर्नाटक कभी अभिनेता से राजनेता बने लोगों के अनुकूल नहीं रहा है, इसलिए राज राज्य में केसीआर की विस्तार योजनाओं का चेहरा हो सकते हैं.

उन्होंने समझाते हुए कहा, ‘प्रकाश राज की एक बहुत ही मजबूत वैचारिक लाइन है. उन्हें कुछ क्षेत्रों से समर्थन मिल सकता है. इसके अलावा, एक अभिनेता के रूप में उनकी प्रसिद्धि को देखते हुए अन्य क्षेत्रों से कुछ समर्थन मिलने की उम्मीद भी की जा सकती है. उन्हें एक दायरे में बांधना मुश्किल है कि उन्हें कहां से समर्थन मिल सकता है और कहां से नहीं.’

पाणि ने याद करते हुए कहा, ‘अनुभवी कन्नड़ अभिनेता दिवंगत राजकुमार के भी मामले में भी ऐसा ही था. उनके राजनीतिक दल में शामिल होने की बात चल रही थी, लेकिन उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया.’

(अनुवाद: संघप्रिया मौर्य/ संपादन: आशा शाह)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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