अहमदाबाद, 21 दिसंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सेटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से ही स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) यह स्थापित कर पाया कि कैसे एक कथित मादक पदार्थ तस्कर ने गलत ढंग से की गयी कमाई की बदौलत गुजरात के एक गांव में बंगला बना लिया।
नवंबर, 2021 में गुजरात के मोरबी जिले में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा की गयी 600 करोड़ रुपये मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में इशा राव मुख्य आरोपी है और वह फरार है। बाद में यह जांच एनसीबी को सौंपी गयी थी।
एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि इसरो के उन्नत आंकड़ा प्रसंस्करण अनुसंधान संस्थान द्वारा उपलब्ध करायी गयी सेटेलाइट तस्वीरों से सामने आया है कि कैसे उसने पिछले तीन सालों में देवभूमि-द्वारका जिले के जोडिया गांव में अपनी संपत्ति बनाई और 50 लाख रुपये से अधिक का बंगला बनवाया।
उन्होंने बताया कि इन तस्वीरों में 2019 से निर्माण के भिन्न-भिन्न चरण नजर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच से खुलासा हुआ कि राव ने मादक पदार्थ के धंधे से जो पैसे बनाये, उससे यह संपत्ति विकसित की गयी। चूंकि उसका परिवार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है तो हमने यह स्थापित करने के लिए सेटेलाइट तस्वीरों का उपयोग किया कि यह संपत्ति तीन सालों में बनाई गयी है। यह मकान अब कुर्क किया गया है।’’
माना जा रहा है कि राव फिलहाल पाकिस्तान के कराची में है। नवंबर, 2021 में गुजरात एटीएस ने मोरबी जिले के जिंजुदा गांव के एक निर्माणाधीन मकान से 600 करोड़ रुपये की 120 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी और इशा राव के भाई मुख्तार हुसैन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
एटीएस ने कहा था कि यह मादक पदार्थ राव के पाकिस्तानी साथियों ने समुद्र मार्ग से भेजा था।
भाषा
राजकुमार देवेंद्र
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