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Friday, 20 December, 2024
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चीन से झड़प पर बोले राजनाथ- ‘भारतीय सेना ने दिखाई बहादुरी, आधे घंटे में चीनी सैनिकों को पीछे धकेला’

लोकसभा में बयान देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'चीनी पक्ष को इस तरह के एक्शन के लिए मना किया गया और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है. इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है.'

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नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना के साथ झड़प की खबरों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि झड़प के वक्त भारतीय सैनिकों ने बहादुरी दिखाई. मैं सदन का बताना चाहता हूं कि इस झड़प में एक भी भारतीय सैनिकों की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ. दोनों ओर से कुछ सैनिकों को थोड़ी चोटें आई. 

लोकसभा में हंगामें के बीच रक्षामंत्री ने सदन को आश्वासन देते हुए कहा, ‘भारतीय सेना ने बहादुरी से PLA को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी केंद्र पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं. भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण PLA सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए.’

लोकसभा में बयान देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, चीनी पक्ष को इस तरह के एक्शन के लिए मना किया गया और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है. इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है.’

रक्षामंत्री ने सदन से गुजारिश करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है यह सदन हमारी सेनाओं की वीरता और साहस को एक स्वर में समर्थन देना. उन्होंने कहा, ‘मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं हमारी भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इसके खिलाफ किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सदैव तत्पर हैं.’

राजनाथ सिंह ने सदन को बताया कि इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा भी की.

वहीं इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘भारत के 1 इंच जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं कर सकता है.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे जवानों ने 8 की रात को और 9 की सुबह को जो वीरता दिखाई है, मैं इसकी प्रशंसा करता हूं. सेना ने कुछ ही देर में घुसे हुए सभी लोगों को भगा दिया और हमारी भूमि की रक्षा की.’

बुलाई थी उच्च स्तरीय बैठक 

इससे पहले रक्षामंत्री ने अपने आवास पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) और सेना प्रमुख मनोज पांडे ने भाग लिया था. इस बैठक में सीमा की स्थिति और भविष्य को लेकर चर्चा हुई. 

बीते 9 दिसंबर को हुई थी झड़प

बीते 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांग्त्से में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ झड़प में कुछ भारतीय सैनिक घायल हो गए थे. 

भारतीय सेना के अनुसार बीते 9 दिसंबर को चीनी सेना अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में घुसे, जिसके बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की. इसमें दोनों देशों की सेना के जवान को चोटें आई.

सेना के अनुसार दोनों देशों के सैनिक तुरंत फिर पीछे भी हट गए. सेना ने शांति स्थापित करने के लिए चीनी सेना के अधिकारियों के साथ फ्लैग स्तर की वार्ता की.

रक्षा सूत्रों के मुताबिक 9 दिसंबर की सुबह छोटे हथियारों से लैस 200 से अधिक चीनी सैनिक तवांग से लगभग 35 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के अंदर आ गए. भारतीय सेना के 50 जवानों की एक टुकड़ी ने चीनी सेना को आगे बढ़ने से रोका. लेकिन आधे घंटे के अंदर भारतीय सेना की बैकअप टीम मौके पर पहुंची और चीनी सेना को पीछे हटने को कहा, जिसके बाद झड़प शुरू हुई.


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