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Friday, 22 November, 2024
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‘कुछ लोग अर्थव्यवस्था की वृद्धि से नाखुश’, वित्त मंत्री बोलीं- रुपया हर मुद्रा के मुकाबले मजबूत

भारतीय रुपया हर मुद्रा के मुकाबले मजबूत हो रहा है, लेकिन संसद में मौजूद कुछ लोगों को इससे परेशानी हो रही है. लोगों को इस पर गर्व करना चाहिए.

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में अपनी बात को दोहराया कि दूसरी सभी मुद्राओं के मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत हो रहा है, लेकिन कुछ लोग इससे जल रहे हैं.

संसद में जारी शीतकालीन सत्र के चौथे दिन लोकसभा में विपक्ष की ओर से अर्थव्यवस्था से संबंधित पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा, ‘भारतीय रुपया हर मुद्रा के मुकाबले मजबूत हो रहा है, लेकिन संसद में मौजूद कुछ लोगों को इससे परेशानी हो रही है. लोगों को इस पर गर्व करना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डॉलर-रुपये में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक न हो जाए.


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‘अर्थव्यवस्था की मजबूती से विपक्ष परेशान’

संसद में प्रश्नकाल के दौरान तेलंगाना से कांग्रेस सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान को सामने रखकर देश की अर्थव्यवस्था पर वित्त मंत्री से सवाल किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन मनमोहन सरकार (2013) में केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर कटाक्ष करते हुए एक ट्वीट किया था, जिसमें मोदी ने कहा था, ‘रुपया आईसीयू में पड़ा है, देश का दुर्भाग्य है कि दिल्ली सरकार को देश की चिंता नहीं है.’

इस पर सीतारमण ने कहा, 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तो देश की अर्थव्यवस्था आईयूसी में थी. विदेशी मुद्रा भंडार बहुत कम हो गया था, लेकिन आज स्थिति बदल गई है. भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ रही है.

रेड्डी ने आगे कहा कि आज सरकार को कुर्सी की चिंता है. रुपया गिरने की कोई चिंता नहीं है, कोई एक्शन प्लान नहीं है. जब डॉलर की कीमत 66 रुपए थी, तब इन्होंने कहा था कि रुपया आईसीयू में है, अब रुपये की कीमत 83.20 है.

रेड्डी ने कहा कि रुपए को मुर्दाघर से वापस लाने का क्या कोई एक्शन प्लान है क्या आपके पास?

सीतारमण ने कांग्रेस सांसद के सवाल के जवाब में कहा, ‘यह दुखद है कि संसद में मौजूद कुछ लोग भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि से नाखुश हैं. भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है पर विपक्ष को इससे दिक्कत है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. दुख की बात है कि इसपर जलने वाले लोग हमारे सदन में हैं. पूरा डॉलर विदेश में मजूबत हो रहा है, सिर्फ भारत उसके खिलाफ खड़ा हो रहा है. इस बात का आनंद लेना चाहिए, न कि मजाक उड़ाना चाहिए.’

बता दें कि पिछले हफ्ते, विश्व बैंक ने भी कहा कि अन्य उभरते बाज़ार साथियों की तुलना में रुपये ने 2022 में अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है. विश्व बैंक ने पिछले सप्ताह मजबूत आर्थिक गतिविधियों के कारण चालू वित्त वर्ष (2022-23) में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ के पूर्वानुमान को संशोधित कर 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था.

विश्व बैंक के एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा ने कहा, ‘रुपये में इस साल लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है. लेकिन, कईं अन्य उभरते बाजार साथियों के मुकाबले भारत ने इतना बुरा प्रदर्शन नहीं किया है.’

हालांकि, रिकॉर्ड स्तर पर रुपया अपने अब तक के निचले स्तर से काफी हद तक नीचे आ गया है. वर्तमान में, यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.0 के आसपास कारोबार कर रहा है, जबकि अक्टूबर के मध्य में यह 83 के रिकॉर्ड निचले स्तर को पार कर गया था.

विश्व बैंक ने भरोसा जताया है कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी. विश्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 7.1 प्रतिशत पर रहेगी.


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