नई दिल्ली: कश्मीर में पहली बार 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शामिल रहे जैश-ए-मोहम्मद के एक कथित आतंकवादी के घर को शनिवार को बुलडोजर से ढहा दिया गया. सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि यह घर उसने ‘सरकारी जमीन पर अतिक्रमण’ करके बनाया था.
जम्मू-कश्मीर के जिला अधिकारियों ने पुलवामा की राजपोरा कॉलोनी में पुलिस की मौजूदगी में आशिक नेंगरू के दो-मंजिले घर को ढहा दिया.
जम्मू-कश्मीर के एक जिला अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘आज जिला प्रशासन ने राज्य की एक कनाल भूमि फिर से हासिल कर ली जिसे पर नेंगरू ने अवैध कब्जा कर रखा था. वह जब इस क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों से सक्रिय तौर पर जुड़ा था तब इस भूमि पर जबरन कब्जा करके ढांचा खड़ा कर दिया था.’
खुफिया विभाग के एक सूत्र ने यह भी कहा कि ये घर ‘जुर्म की कमाई’ से बनाया गया था जो उसने ‘टेरर मनी’ के रूप में हासिल की थी.
सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘पुलवामा पुलिस ने आतंकवाद फैलाने के बदले मिले धन से बनाए गए इस घर को उसके खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में जब्त कर लिया था.’
फिलहाल फरार चल रहे नेंगरू के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कई मामले दर्ज हैं, और उसे ‘भारत की सुरक्षा के लिए खतरा’ करार दिया गया है. इस साल अप्रैल में गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत उसे एक आतंकवादी घोषित किया है.
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘…यह देखते हुए कि उक्त आशिक नेंगरू भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है और उसे सिर्फ भारत तक ही सीमित न रहने वाली आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने से रोकने के लिए ही उक्त कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है.’
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, नेंगरू उन आतंकवादियों को घुसपैठ कराने में शामिल रहा है, जो जम्मू-कश्मीर में विभिन्न आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार हैं.
अधिसूचना में बताया गया है, ‘…कश्मीर में एक आतंकी सिंडिकेट चलाने के बाद उक्त कथित आतंकवादी आशिक अहमद नेंगरू अब पाकिस्तान के इशारे पर जम्मू-कश्मीर में खतरनाक आतंकवादी अभियान में अंजाम देने में लगा है.
उसके ठिकाने के बारे में पूछे जाने पर, खुफिया सूत्रों ने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से जैश-ए-मोहम्मद का नेटवर्क चला रहा है और ‘युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए घाटी में घुसपैठ के लिए उकसाने’ में जुटा है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक सूत्र के मुताबिक, नेंगरू के पास न्यू कॉलोनी राजपोरा में एक नवनिर्मित दो मंजिला घर और हंजन बल्ला में एक पुराना दो मंजिला घर, हंजन बल्ला में छह कनाल और आयंगुंड में एक कनाल का बगीचा है. इसके अलावा, एनआईए ने एक ट्रक भी ज़ब्त किया है जो कथित तौर पर उसका माना जा रहा है.
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ओवर-ग्राउंड वर्कर के तौर पर शुरुआत, पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ कराई
एनआईए ने पुलवामा केस में दायर अपनी चार्जशीट में कहा है कि इस मामले के मुख्य हमलावर उमर फारूक और उसके सहयोगियों को घुसपैठ के बाद नेंगरू ने ही लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया था. एनआईए के मुताबिक नेंगरू ने ही आतंकियों को जम्मू से कश्मीर तक पहुंचाने में मदद की थी.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, राजपोरा के हंजन बाल्ला गांव में पैदा हुए आशिक अहमद नेंगरू ने उर्दू में एमए कर रखा है और पेशे से एक ड्राइवर था.
हालांकि, उसका भाई अब्बास नेंगरू ‘वर्ष 2011 से 2013 के दौरान जैश-ए-मोहम्मद संगठन का सक्रिय आतंकवादी’ था और 2013 में एक मुठभेड़ में मारा गया था. इसके बाद नेंगरू ने संगठन के लिए ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करना शुरू किया.’
सूत्र ने कहा, ‘आतंकवादियों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के अलावा, उसने अपने वाहन के जरिये उनके लिए हथियारों की तस्करी भी की.’
सूत्र ने बताया कि उसे 2013 में पुलवामा पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था, लेकिन फिर जमानत पर रिहा कर दिया गया. इसके बाद उसने एक कोड नेम अमजद भाई के नाम से काम करना शुरू कर दिया.
सूत्र ने कहा, ‘उसे आतंकवादियों को घुसपैठ कराने का काम सौंपा गया था जो अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके कश्मीर घाटी में घुसना चाहते थे. बाद में हमने पाया कि 2016 से 2018 के बीच उसने अपने ट्रकों का इस्तेमाल कर 20 से अधिक पाकिस्तानी आतंकियों और बड़े पैमाने पर हथियार और गोला-बारूद को घाटी में पहुंचाया.’
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(अनुवाद: रावी द्विवेदी)
(संपादन: अलमिना खातून)
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