नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में अप्रत्याशित जीत हासिल की है. गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से उसे 156 सीटें मिली हैं. इसके साथ ही भाजपा ने 1985 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. 1985 में कांग्रेस को 182 में से 149 सीटें मिली थी. इससे पहले, साल 2002 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 127 सीटों पर फतह हासिल की थी.
गुजरात में भाजपा की प्रचंड जीत को दुनिया के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने जगह दी है. ब्रिटेन के प्रमुख समाचार पत्र द गार्डियन ने लिखा कि, ‘नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है. गुजरात में पार्टी की जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए 2004 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की लोकप्रियता का संकेत दे रही है.’
‘हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी जीती’
प्रसिद्ध अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा, ‘भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी एक राज्य में जीतती है, दूसरे में हारती है.’
द वाशिंगटन पोस्ट लिखता है, ‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी ने अपने गृह राज्य गुजरात में 27 साल की जीत को बरकरार रखा, लेकिन उत्तरी राज्य हिमाचल प्रदेश और नई दिल्ली में सत्ता खो दी.’
ब्रिटिश मैगजीन द इंडिपेंडेंट ने लिखा कि गुजरात की जीत भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी के लिए 2024 के राष्ट्रीय चुनाव के लिए पहला कदम है.
वहीं जापान की निक्केई एशिया ने लिखा, ‘मोदी अपने राज्य में काफी लोकप्रिय हैं जहां उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले तक 13 साल तक मुख्यमंत्री के रूप में काम किया. मोदी ने राज्य में कई चुनावी जनसभा की जिसके कारण भाजपा को अपने चुनावी अभियान में सहायता मिली.’
अखबार ने आगे लिखा, ‘गुजरात के लोगों को इस बात का गर्व है कि उनके राज्य में जन्मा व्यक्ति पूरे दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है. उनका समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है.’
पाकिस्तान की प्रमुख अंग्रेजी दैनिक द डॉन ने लिखा, ‘भारतीय विपक्ष ने प्रमुख चुनावों के साथ ली करवट’. द डॉन ने लिखा, ‘दो राज्य विधानसभा चुनावों के परिणाम और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दिल्ली नगर निगम व उपचुनावों के परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पतन का संकेत है. गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जादू के कारण उनकी पार्टी ने 182 में से 156 सीट जीतकर एकतरफा जीत हासिल की.’
यह भी पढ़ें: गुजरात में बुरी तरह से हार, पर हिमाचल में मिली शांतिः कांग्रेस विधानसभा चुनावों से क्या हासिल कर पाएगी