scorecardresearch
Tuesday, 5 November, 2024
होमदेश'बेंगलुरू भू-माफिया'- गायक लकी अली का IAS अधिकारी और उनके पति के खिलाफ 'अतिक्रमण' का मामला

‘बेंगलुरू भू-माफिया’- गायक लकी अली का IAS अधिकारी और उनके पति के खिलाफ ‘अतिक्रमण’ का मामला

जाने-माने गायक ने ट्वीट किया था कि आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधुरी, उनके पति और अन्य लोग उनके ट्रस्ट की संपत्ति पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. इस जमीन पर 2007 से स्टे ऑर्डर है.

Text Size:

बेंगलुरू: बेंगलुरू की एक सिटी सिविल कोर्ट ने बुधवार देर रात गायक-गीतकार लकी अली से जुड़े एक मामले की सुनवाई की. सिंगर ने एक सेवारत आईएएस अधिकारी के रिश्तेदारों और सहयोगियों पर बेंगलुरू के येलहंका इलाके में उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. अदालत के मुताबिक, वह किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले 16 दिसंबर को एक बार फिर से मामले की सुनवाई करेगी.

लकी अली का असली नाम मकसूद अली है और वह प्रतिष्ठित अभिनेता और कॉमेडियन महमूद के बेटे है, जिनका 2004 में निधन हो गया था. 1990 के दशक में अली ने अपनी पहली एल्बम ‘सुनोह’ का गीत ‘ओ सनम’ हिट होने के बाद प्रसिद्धि हासिल की थी.

गायक ने पुलिस महानिदेशक (कर्नाटक) को टैग करते हुए रविवार को ट्वीट किया था– आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधुरी, उनके पति सुधीर रेड्डी और कुछ अन्य लोग ‘भूमाफिया’ का हिस्सा हैं और आरोप लगाया कि वे जमीन को हड़पने के लिए सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं. यह जमीन उनका फार्म है, जो एक ट्रस्ट संपत्ति है.

इस मामले से सीधे तौर पर जुड़े एक वकील ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि ‘यह ट्रस्ट की संपत्ति है जिसे अदालत की अनुमति के बिना बेचा नहीं जा सकता है. कुछ जीपीए (जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी) पेपर्स थे जिन्हें कुछ लोगों ने गलत तरीके से तैयार किया था.’

उन्होंने कहा कि कई ‘बड़े बिल्डर्स’ सरकारी अधिकारियों की मदद से अली की ट्रस्ट संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर 2007 से स्टे ऑर्डर है.

सुधीर रेड्डी ने कहा है कि उन्होंने 2012 में मंसूर अली (लकी अली के भाई) और उनकी नाबालिग बेटी बेबी सबरीना से जमीन खरीदी थी. सुधीर रेड्डी ने कहा, ‘लकी अली उक्त संपत्ति के लिए एक विदेशी हैं जो मूल रूप से यशवंत शेनॉय की थी और मंसूर अली को बेची गई थी, जिसने इसे मुझे बेच दिया था.’

दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमीन पर अधिकार हासिल करने के लिए बल प्रयोग और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है.

बेंगलुरू में तेजी से शहरीकरण के कारण जमीन की कीमतें बढ़ गई हैं और जब से आईटी फर्मों का यहां आना शुरू हुआ है, भूमि विवाद एक नियमित मामला बन गया है. कई बड़े बिल्डरों, बाहुबलियों, ठगों और यहां तक कि राजनेताओं पर भी डरा-धमकाकर, बलपूर्वक और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के जरिए भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया जाता रहा है.

कुछ मामलों में भूमि विवाद को लेकर हुए झगड़ों में शामिल लोगों की हत्या और अन्य गंभीर चोटें भी आई हैं.

उपरोक्त उद्धृत अधिवक्ता ने कहा कि अभिनेता महमूद ने 1969 में 400 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसमें से लगभग 220 एकड़ जमीन किन्हीं वजहों से उनके हाथ से निकल गई. लगभग 180 एकड़ की बची हुई जमीन महमूद के कब्जे में थी. फिर सेंचुरी बिल्डर्स के पी. दयानंद पई के संपर्क में आने के बाद उन्होंने लगभग 20 एकड़ जमीन बेच दी थी.

वकील ने कहा, ‘इन तीनों (दयानंद पाई, सतीश पाई और यशवंत शेनॉय) लोगों ने महमूद अली के खराब स्वास्थ्य का फायदा उठाना शुरू कर दिया.’

वकील ने कहा, ‘उस मनगढ़ंत जीपीए के कारण इन लोगों ने जमीन का लेन-देन करना शुरू कर दिया.’

लगभग 160 एकड़ की बची हुई जमीन को महमूद ने अपने बच्चों के स्वामित्व वाले चार ट्रस्टों के बीच बांट दिया था. इसमें से 33 एकड़ जमीन लकी अली द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट के अधीन है.

(अनुवाद: संघप्रिया मौर्य | संपादन: कृष्ण मुरारी)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: धामी, ठाकुर, खट्टर का दिल्ली में प्रचार रहा सफल, MCD की ज्यादातर सीटों को बचाने में कामयाब रही BJP


 

share & View comments