नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को ममता दीदी के क्षेत्र में जमकर गरजे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां एक के बाद एक दो जनसभाओं को संबोधित किया. दोनों ही जगहों पर प्रधानमंत्री को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं सोचता था कि दीदी जिन्हें वामपंथ के शासन के दौरान बहुत कुछ सहना पड़ा था वह उस रास्ते पर नहीं चलेगी. लेकिन मैं अचंभित हूं कि वह भी वही कर रही हैं जो उनके साथ किया गया. आप मुझसे लिखवा लो ‘इनका जाना तय है.’
प्रधानमंत्री ने पहले ठाकुरनगर में और फिर दुर्गापुर में जनसभा को संबोधित किया. ठाकुर नगर की रैली में बड़ी तादाद में लोग पहुंचे.
इतनी बड़ी संख्या में लोगों को देख प्रधानमंत्री गदगद हो गए और उन्होंने कहा कि आपके प्यार से मैं अभीभूत हूं और अब मुझे समझ में आ रहा है कि दीदी हमारे प्रशंसकों के साथ हिंसा क्यों कर रही हैं. हमारे प्रति बंगाल की जनता के प्यार से डरकर लोकतंत्र के बचाव का नाटक करने वाले लोग निर्दोष लोगों की हत्या करने पर तुले हुए हैं. इस रैली में इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे की धक्का मुक्की और अफरा-तफरी का माहौल बन गया जिसे देखकर प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यकर्ताओं के उत्साह से यह जगह कम पड़ गई और मैदान छोटा पड़ गया है. उन्होंने लोगों को समझाने की भी कोशिश की कहा ‘आप जहां हैं, वहां रहें.’ अफरा-तफरी देख प्रधानमंत्री ने भाषण जल्दी खत्म कर दिया.
नागरिकता संशोधन विधेयक में तृणमूल से समर्थन मांगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से आग्रह किया कि वह भारत में रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता का अधिकार देने के लिए संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करें. पश्चिम बंगाल में दलित मटुआ समुदाय की आबादी वाले ठाकुरनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत एकमात्र स्थान है, जो सांप्रदायिक हिंसा से खुद को बचाने के लिए पड़ोसी देशों से आए हजारों हिंदुओं, सिखों और अन्य समुदायों के शरणार्थियों को शरण दे सकता है.
जो लोग 4 साल पहले तक एक दूसरे का मुँह नहीं देखते थे वो कोलकाता में चौकीदार को हटाने के लिए शपथ ले रहें थे।
घोटालों और धोखाधड़ी में लिप्त इन लोगों को चौकीदार पसंद नहीं है : पीएम मोदी #BengalWithModi pic.twitter.com/fob2EJk8Kv
— BJP (@BJP4India) February 2, 2019
उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्रता के दौरान हुए देश के विभाजन में सांप्रदायिक हिंसा के कारण हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और पारसियों सहित हजारों लोगों को भारत में शरण लेनी पड़ी थी.’ इन शरणार्थियों को नागरिकता का अधिकार मिलना चाहिए.भारत ही एकमात्र ऐसा स्थान है, जो उन्हें आश्रय प्रदान कर सकता है.
उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमारी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक लेकर आई है, मैं तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे विधेयक का समर्थन करें और शरणार्थी भाइयों और बहनों को उनका अधिकार दिलाने में मदद करें.’
दुर्गापुर में कहा दीदी की नींद उड़ाई
चौकीदार क्यों पंसद नही
ठाकुरनगर के बाद प्रधानमंत्री दुर्गापुर पहुंचे वहां भी भारी संख्या में लोगों को देख गदगद हो गए. उन्होंने कहा जिस स्थान के नाम में ही दुर्गा हो, उस जगह पर इतनी विशाल संख्या में आप लोगों का आशीर्वाद देने आना, मेरे लिए सबसे बड़ा सौभाग्य है. उन्होंने कहा ‘भाजपा के प्रति बंगाल की जनता के प्यार ने दीदी की नींद उड़ा के रख दी है.’ दुर्भाग्य की बात यह है कि बंगाल में जो सरकार है वो विकास की परियोजनाओं को लेकर गंभीर नहीं है. बंगाल की सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के सपनों को कुचलने में जुटी है लेकिन केंद्र सरकार उन सपनों को नई उड़ान देने का प्रयास कर रही है.
आज की रैली का दृश्य देखकर मुझे समझ आ गया है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आयी हैं।
हमारे प्रति बंगाल की जनता के प्यार से डरकर लोकतंत्र के बचाव का नाटक करने वालें लोग निर्दोष लोगों की हत्या करने पर तुले हुए हैं : पीएम मोदी #BengalWithModi pic.twitter.com/FrSKI7lfhi
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आज दुनिया इस सच्चाई को जानती है कि टीएमसी की सरकार उन परियोजनाओं को हाथ ही नहीं लगाती जिनमें सिंडिकेट का शेयर ना हो और जहां मलाई ना मिलती हो .स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना’ से बड़ी योजना नहीं बनाई गई है, इस योजना पर एक साल में 75 हज़ार करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है.
10 साल पहले कांग्रेस सरकार ने दावा किया था कि उसने किसानों का 52,000 करोड़ रुपए का कर्जमाफ किया. इतने पैसे से हम भी कर्ज़माफी का शोर मचा सकते थे, लेकिन हमारी नीयत साफ है जिसका परिणाम किसान हित में आई ये हमेशा चलने वाली योजना है. जो लोग 4 साल पहले तक एक दूसरे का मुँह नहीं देखते थे वो कोलकाता में चौकीदार को हटाने के लिए शपथ ले रहें थे. घोटालों और धोखाधड़ी में लिप्त इन लोगों को चौकीदार पसंद नहीं है.