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Friday, 22 November, 2024
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गैंगस्टर-टेरर गठजोड़ को खत्म करने के लिए NIA ने दिल्ली समेत कई राज्यों में छापेमारी की

सितंबर में भी एनआईए ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर में 52 स्थानों पर तलाशी ली थी.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर-आतंकवादी गठजोड़ को खत्म करने के लिए मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली और एनसीआर समेत 13 स्थानों पर तलाशी ली.

एनआईए ने जिन जगहों पर छापेमारी की उनमें पंजाब के फाजिल्का, तरनतारन, लुधियाना, संगरूर और मोहाली, हरियाणा का यमुनानगर जिला, राजस्थान का सीकर और दिल्ली-एनसीआर के बाहरी उत्तरी जिले शामिल हैं. अगस्त 2022 में दर्ज दो मामलों में भारत और विदेश में स्थित आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के बीच उभरती सांठगांठ को खत्म करने के लिए छापेमारी की गई थी.

इस मामले में एनआईए द्वारा छापेमारी का यह तीसरा दौर है. यह तलाशी संगठित आपराधिक सिंडिकेट और शीर्ष गैंगस्टरों के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान दिल्ली में स्थित उनके व्यापारिक सहयोगियों और हथियार आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई का हिस्सा है.

हरियाणा में गुरुग्राम के कौशल चौधरी, दिल्ली के प्रहलपुर के विशाल मान, पंजाब के संगरूर के बिन्नी गुर्जर, पंजाब के लुधियाना के रवि राजगढ़ और उनके सहयोगियों के घरों या परिसरों में तलाशी ली गई है.

एनआईए ने एक बयान में कहा कि तलाशी के दौरान उसने गोला-बारूद के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के कंट्राबेंड सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है.

एनआईए ने बयान में कहा, ‘इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनके फंडिंग और सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने के लिए जांच जारी रहेगी. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये गिरोह लक्षित हत्याओं को अंजाम दे रहे थे और ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए ऐसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंड भी जुटा रहे थे.’

उसने आगे बताया, ‘हाल ही में आपराधिक सिंडिकेट और गैंगस्टरों द्वारा व्यापारियों, पेशेवरों, डॉक्टरों आदि सहित सनसनीखेज अपराधों और जबरन वसूली के कॉल ने लोगों के बीच एक व्यापक डर पैदा कर दिया था. ये गिरोह जनता के बीच आतंक पैदा करने के लिए इन अपराधों को प्रचारित करने के लिए साइबर-स्पेस का उपयोग कर रहे थे.’

आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने बताया कि जांच से यह भी पता चला है कि इस तरह की आपराधिक हरकतें स्थानीय घटनाएं नहीं थीं, बल्कि आतंकवादियों, गैंगस्टरों और मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले कार्टेल और नेटवर्क के बीच एक गहरी साजिश थी, जो देश के भीतर और बाहर दोनों से काम कर रहे थे.

एनआईए ने कहा, ‘कई गिरोह के नेता और सदस्य भारत से भाग गए थे और पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया सहित विदेशों से काम कर रहे थे. इनमें से ज्यादातर साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही थीं और ऑपरेटिव्स के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दी जा रही थीं.’

बता दें कि अक्टूबर में, एनआईए ने उत्तर भारत के चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में 52 स्थानों पर चलाए गए एक बड़े तलाशी अभियान के बाद एक वकील और हरियाणा के एक गैंगस्टर को गिरफ्तार किया था.

गिरफ्तार अधिवक्ता की पहचान उत्तर पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर इलाके के गौतम विहार निवासी आसिफ खान के रूप में हुई थी. एजेंसी के लोगों ने उसके आवास पर तलाशी के दौरान चार हथियार और कुछ पिस्तौल, गोला-बारूद बरामद करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था.

सितंबर में भी एनआईए ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर में 52 स्थानों पर तलाशी ली थी.

तलाशी के दौरान, एनआईए ने पिस्तौल, रिवाल्वर, गोला-बारूद, कुछ हथियार अर्ध-नष्ट अवस्था में और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, कैश, बेनामी संपत्ति, नकदी, सोने की छड़ें और सोने के आभूषण और धमकी भरे पत्र जब्त किए थे.


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