नई दिल्ली: मंगलुरु में शनिवार को हुए कम तीव्रता के विस्फोट में एक हिस्ट्रीशीटर के शामिल होने पर संदेह है, जिसके इस्लामिक स्टेट से कथित संबंध हैं. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
कर्नाटक पुलिस के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में संदिग्ध की पहचान पड़ोसी शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली के निवासी मोहम्मद शारिक के रूप में की गई है. शारिक विस्फोट में घायल हुए दो लोगों में से एक है.
पुलिस को शक है कि शारीक जिस प्रेशर कुकर बम को ले जा रहा था, वह अपने टारगेट क्षेत्र से पहले ही फट गया, जिससे अपराधियों की योजना असफल हो गई.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि शारिक, जिसकी उम्र लगभग 20 साल बताई जा रही है, एक ‘अत्यधिक कट्टरपंथी व्यक्ति’ था, जिसके खिलाफ गंभीर आरोप हैं.
वह कथित तौर पर इस साल स्वतंत्रता दिवस पर शिवमोग्गा में छुरा घोंपने के एक मामले में शामिल था – दावा किया जा रहा है कि यह घटना हिंदुत्व विचारक वी.डी. सावरकर के पोस्टर को लेकर एक झगड़े के बाद अंजाम दी गई थी.
पुलिस ने तब दावा किया था कि शारिक सहित उस घटना में शामिल लोगों के इस्लामिक स्टेट से संबंध थे.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘वह (शारिक) शिवमोग्गा मामले में फरार था और मंगलुरु में ग्राफिटी मामले में भी एक आरोपी था और इस केस में जमानत पर था.’
‘यह एक आतंकवादी कृत्य है’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि मंगलुरु में कथित तौर पर बम विस्फोट करने वाले संदिग्ध के आतंकी संबंध थे क्योंकि वह पड़ोसी तमिलनाडु के कोयंबटूर सहित विभिन्न स्थानों पर गया था.
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह एलईडी से जुड़ा उपकरण था.
विस्फोट शनिवार शाम को एक पुलिस थाने के पास ऑटोरिक्शा में हुआ था जिसमें यात्री और चालक घायल हो गए थे. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार विस्फोट के लिए डेटोनेटर, तार और बैटरी से लैस एक कुकर का इस्तेमाल किया गया. विस्फोट के बाद ऑटोरिक्शा के अंदरूनी हिस्से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.
बोम्मई ने कहा, ‘जब संदिग्ध का अतीत खंगाला गया, तो यह स्पष्ट हो गया कि मौके से मिले आधार कार्ड में उल्लेखित नाम उस व्यक्ति से अलग था जो उसे रखे हुए था. संदिग्ध के पास एक डुप्लिकेट आधार कार्ड था. उसमें हुबली का पता था.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक जानकारी तब सामने आई जब पुलिस ने संदिग्ध के मूल पते और उन स्थानों का पता लगाया जहां वह ठहरा था.
बोम्मई ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया, यह एक आतंकवादी कृत्य है. वह जिन स्थानों पर गया था, जैसे कोयंबटूर या अन्य स्थान, उससे उसके आतंकी संबंधों की ओर इशारा मिलता है.’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी भी मामले की जांच में राज्य पुलिस के साथ शामिल हो गए हैं. एनआईए की चार सदस्यीय टीम मौके पर पहुंच गई है और पुलिस के साथ समन्वय कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘संदिग्ध अस्पताल में है. उसके होश में आने के बाद, आगे की जांच की जाएगी. जांच से और विवरण सामने आएंगे। एक व्यापक नेटवर्क है जिसका भंडाफोड़ किया जाएगा.’
जब उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट किया गया कि घटना उस दिन हुई जब वे मंगलुरु में थे, मुख्यमंत्री ने कहा कि वह तटीय शहर में कार्यक्रम में शामिल हुए थे और वहां से अपराह्न तीन बजे लौटे थे जबकि विस्फोट उसके बाद हुआ.
आतंकी घटना के प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंध के बारे में बोम्मई ने कहा कि जांच से सच्चाई सामने आएगी.
इस बीच, पुलिस सूत्रों ने कहा कि संदिग्ध ने जाली आधार कार्ड का उपयोग करके एक मोबाइल सिम कार्ड प्राप्त किया था, जो विस्फोट स्थल से मिला था। उन्होंने बताया कि उसने उक्त सिम कार्ड का इस्तेमाल हर जगह किया.
सूत्रों ने कहा कि मामले की जांच के लिए पांच टीमों को कोयंबटूर सहित विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है.
पुलिस को संदेह है कि उस व्यक्ति के संबंध उन लोगों से हैं जिन्होंने दीपावली से पहले अक्टूबर में कोयंबटूर में एक कार विस्फोट को अंजाम दिया था. 23 अक्टूबर को कोयंबटूर में एक मंदिर के बाहर चलती कार में सिलेंडर फटने से एक युवक की जलकर मौत हो गई थी. मामले की जांच एनआईए कर रही है.
पुलिस सूत्रों को संदेह है कि संदिग्ध आतंकी शिवमोगा का रहने वाला है और वह शहर में आपत्तिजनक ग्राफिटी में लिप्त हो सकता है.
हाल ही में शिवमोगा से कुछ आतंकी संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से कुछ युवक सोशल मीडिया के जरिए आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के संपर्क में थे.
दिप्रिंट के पत्रकार शरण पूवन्ना और भाषा के इनपुट से
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