नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने शुक्रवार को कहा कि महंगे भंडारण के कारण 24 घंटे नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति फिलहाल व्यवहारिक नहीं है। इसीलिए आपूर्ति संबंधित न्यूनतम जरूरतों को पूरा करने के लिये कोयला और गैस आधार बने हुए हैं।
सिंह ने राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम पर शुक्रवार को यहां आयोजित एक सेमिनार में कहा कि कोयला और गैस आधारित ऊर्जा को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘बैटरी भंडारण की लागत 10 रुपये और सौर ऊर्जा की लागत 2.30 रुपये किलो वॉट प्रति घंटा है। इसलिए भंडारण के बिना चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति नहीं हो सकती।’’
सिंह ने कहा कि बिजली आपूर्ति को वितरित करने के लिए आवश्यक स्थायी न्यूनतम आधार की जरुरत होती है और वह कोयला, गैस आदि से पूरी होगा।
बिजली आपूर्ति में कोयले को चरणबद्ध तरीके से हटाने के बारे में उन्होंने सुझाव दिया कि यह 14 रुपये प्रति किलोवाट घंटे की लागत से नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कोयले और गैस (ऊर्जा स्रोत) को चरणबद्ध तरीके से हटा देंगे। ऐसा होगा।’’
उल्लेखनीय है कि भारत ने 2030 तक पांच लाख मेगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
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