नई दिल्ली: शिमला जिले के रामपुर इलाके में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार रात एक मतदान दल को निजी वाहन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) ले जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
इस घटना के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लगभग एक घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया और मतदान दल पर ईवीएम में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया. इसके बाद जिला चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मतदान दल के सदस्यों को निलंबित कर दिया.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में नई सरकार के चुनाव के लिए शनिवार को 68 सीटों पर मतदान हुआ. नवीनतम आंकड़े के अनुसार हिमाचल प्रदेश में शनिवार को हुए मतदान में 74 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. रविवार सुबह उपलब्ध ‘अनुमानित रुझान’ के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कुल मतदाताओं में से 74.05 प्रतिशत ने अपना वोट डाला. 2017 में मतदान 75.6 प्रतिशत दर्ज किया गया था.
कांग्रेस विधायक नंद लाल ने कहा, ‘ईवीएम को एक निजी कार में ले जाया जा रहा था. हमने इसका पीछा किया और पुलिस और चुनाव आयोग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.’
नियमानुसार मतदान प्रक्रिया खत्म होने के बाद ईवीएम को सरकारी वाहनों से मतगणना केंद्र तक ले जाना होता है.
अधिकारियों के अनुसार, घटना 66-रामपुर विधानसभा क्षेत्र की है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे पर ईवीएम/वीवीपैट मशीनों से छेड़छाड़ की मंशा से ले जाया जा रहा था. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराया और ईवीएम/वीवीपीएटी मशीनों को स्ट्रांग रूम में भेज दिया.
अधिकारियों ने दावा किया कि मतदान दल ने ईवीएम/वीवीपीएटी मशीनों जल्दबाजी में एक निजी वाहन का इस्तेमाल किया.
रिटर्निंग ऑफिसर (एसडीएम) सुरेंद्र मोहन ने एक आदेश में कहा, ‘हमें पता चला कि पोलिंग पार्टी नंबर 146 एक निजी वाहन में ईवीएम/वीवीपैट मशीन ले जा रही थी, जो ईसीआई के निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन है. प्रथम दृष्टया पाया गया कि पार्टी ने उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है और नियमों का उल्लंघन किया है.’
भाषा के इनपुट के साथ
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