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Friday, 22 November, 2024
होममत-विमतक्यों तूफान से पहले की खामोशी जैसी है विराट कोहली की ‘रेस्ट पॉलिसी’

क्यों तूफान से पहले की खामोशी जैसी है विराट कोहली की ‘रेस्ट पॉलिसी’

बीते करीब एक साल में ऐसा कई बार हुआ है जब विराट कोहली ने आराम करने का फैसला किया हो. विराट कोहली के पास बाकयदा अपनी एक ‘रेस्ट पॉलिसी’ है.

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23 जनवरी की शाम करीब 6 बजे बीसीसीआई ने एक ईमेल जारी किया. इस ईमेल में इस बात की जानकारी थी कि कप्तान विराट कोहली न्यूज़ीलैंड के खिलाफ आखिरी दो वनडे और फिर 3 टी-20 मैचों की सीरीज में नहीं खेलेंगे. सेलेक्शन कमेटी और टीम मैनेजमेंट ने पिछले दिनों उनके ‘वर्कलोड’ को देखते हुए उन्हें आराम देने का फैसला किया है. उनकी गैरमौजूदगी में रोहित शर्मा टीम की कमान संभालेंगे. बीते करीब एक साल में ऐसा कई बार हुआ है जब विराट कोहली ने आराम करने का फैसला किया हो. विराट कोहली के पास बाकयदा अपनी एक ‘रेस्ट पॉलिसी’ है. जो उन्होंने अपने शरीर, फ़ॉर्म, फिटनेस और प्रेशर को दिमाग में रखकर तैयार की है. इसमें कोई बुराई भी नहीं हैं. आप ही सोचिए, विराट क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खेलते हैं इसलिए सबसे ज्यादा ‘प्रेशर’ भी उनके ऊपर रहता है. कप्तानी का भी और बल्लेबाजी का भी. ऐसे में बीच बीच में ‘ब्रेक’ लेने की वजह से वो खुद को अनफिट होने से भी बचाए रखने में कामयाब रहते हैं. बीच के इस ‘ब्रेक’ में खुद को क्रिकेट से दूर करके वो अपनी ताजगी कायम रखते हैं. उनके इस ‘ब्रेक’ से परेशान तो विरोधी टीमों को होना चाहिए क्योंकि ‘ब्रेक’ के बाद जब वो वापसी करते हैं तो फिर उनके बल्ले पर ‘ब्रेक’ लगाना विरोधी टीमों के लिए मुश्किल होता है. यानि उनके रनों के तूफान से पहले उनकी खामोशी के इस राज को समझना होगा.

इंग्लैंड सीरीज से पहले लिया था ‘रेस्ट’

2018 में विराट कोहली ने श्रीलंका में खेली गई निदहास ट्रॉफी में आराम करने का फैसला किया. भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खेली गई इस ट्रॉफी पर भारत ने कब्जा किया. इसके बाद उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ सीरीज में भी आराम किया। उनके इस आराम का नुकसान इंग्लैंड की टीम को हुआ. ये आंकड़े देखिए-

• 3 वनडे मैचों की सीरीज में विराट ने 63.66 की औसत से टीम इंडिया के लिए सबसे ज्यादा 191 रन बनाए. इसमें 2 अर्धशतक शामिल थे.

• 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में उन्होंने 59.30 की औसत से सबसे ज्यादा 593 रन बनाए. 2 शतक और 3 अर्धशतक इसमें शामिल हैं.

इंग्लैंड से लौटने के बाद भारत को एशिया कप में खेलना था. विराट कोहली ने एक बार फिर आराम का फैसला किया. एक बार फिर उनकी गैरमौजूदगी में रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने एशिया कप जीता. इसके बाद वो वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए तरोताजा होकर मैदान में उतरे. उसका नतीजा ये आंकडें बताते हैं.

• 5 वनडे मैचों में विराट कोहली ने 151 की औसत से टीम के लिए सबसे ज्यादा 453 रन बनाए. इसमें 3 शतक शामिल हैं.

• 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में उन्होंने 92 की औसत से 184 रन बनाए. इसमें एक शतक शामिल था.

अब वापस आते हैं न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी दो वनडे मैचों से आराम के मामले पर. इस आराम से पहले विराट कोहली अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रच चुके हैं. वो भारतीय क्रिकेट इतिहास के पहले ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर में टेस्ट सीरीज में हराया है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज अहम थी इसलिए विराट कोहली ने तीनों फॉर्मेंट में मैदान में उतरना सही समझा.

• टी-20 में 3 मैचों की दो पारियों में उन्होंने 65 की औसत से 65 रन बनाए. इसमें 1 अर्धशतक शामिल है.

• 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में उन्होंने 40.28 की औसत से 282 रन बनाए. इसमें 1 शतक और 1 अर्धशतक शामिल था.

• 3 वनडे मैचों में उन्होंने 51 की औसत से 153 रन बनाए. इसमें एक शतक शामिल था.

न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज के बाद विराट कोहली एक बार फिर मैदान में उतरेंगे. मुकाबला होगा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में. 24 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच 2 टी-20 और पांच वनडे मैचों की सीरीज शुरू होनी है. तब तक विराट कोहली को 3 हफ्ते से ज्यादा का आराम मिल चुका होगा. यानि कंगारुओं को एक बार फिर उनके बल्ले के तूफान को झेलना होगा.

क्या आईपीएल में भी जारी रहेगी ‘रेस्ट पॉलिसी’

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के तुरंत बाद इंडियन प्रीमियर लीग शुरू होगा. उसके ठीक बाद 2019 का विश्व कप इंग्लैंड में खेला जाना है. विराट कोहली को लेकर बड़ी दिलचस्पी इसी बात में रहेगी कि क्या वो अपनी ‘रेस्ट पॉलिसी’ पर आईपीएल में भी अमल करते हैं? यानि नजर इस बात पर होगी कि आईपीएल के दौरान वो अपनी फ्रेंचाईजी के लिए कितने मैच खेलते हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि विश्व कप से पहले उनका तरोताजा और सौ फीसदी फिट रहने से बड़ी जरूरत भारतीय क्रिकेट के लिए कुछ भी नहीं है.

(शिवेंद्र कुमार सिंह खेल पत्रकार हैं. पिछले करीब दो दशक में उन्होंने विश्व कप से लेकर ओलंपिक तक कवर किया है. फिलहाल स्वतंत्र लेखन करते हैं.)

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