इस्लामाबाद, नौ नवंबर (भाषा) पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार ने बुधवार को कहा कि देश इस्लामिक कानून के तहत 2027 तक ब्याज मुक्त बैंक प्रणाली की ओर बढ़ सकता है।
समाचार पत्र ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्री डार ने पांच साल में देश से ब्याज व्यवस्था खत्म करने के संघीय शरीयत अदालत (एफएससी) के अप्रैल के फैसले के खिलाफ अपनी अपील वापस लेने के सरकार के इरादे से अवगत कराया। उसके बाद उक्त घोषणा की गयी।
संघीय शरीयत अदालत के अनुसार पाकिस्तान में मौजूदा ब्याज वाली बैंक व्यवस्था शरीयत कानून के तहत खिलाफ है।
अखबार ने वित्त मंत्री के हवाले से लिखा है, ‘‘प्रधानमंत्री की मंजूरी और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर के परामर्श से मैं सरकार की तरफ से घोषणा कर रहा हूं कि एसबीपी और नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय से अपने अपील वापस लेंगे। और हमारी सरकार जितनी जल्दी हो सके, देश में इस्लामिक व्यवस्था लागू करने का पूरा प्रयास करेगी।’’
उन्होंने यह भी कहा कि संघीय शरीयत अदालत के फैसले को लागू करने में चुनौतियां होंगी और पूरी बैंकिंग प्रणाली और उसके कामकाज को एकदम से नई व्यवस्था में तब्दील नहीं किया जा सकता। लेकिन इन सबके बावजूद सरकार ने अगले कुछ दिन में अपील को वापस लेने का निर्णय किया है और पाकिस्तान अदालत द्वारा तय समयसीमा में ब्याज मुक्त व्यवस्था की ओर बढ़ने के लिये कदम उठाए जाएंगे।
शरीयत अदालत ने यह फैसला 20 साल से लंबित मामले में सुनाया है।
भाषा रमण अजय
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