मुंबई, आठ नवंबर (भाषा) मासिक किस्त बढ़ने के बावजूद आवास ऋण लेने वाले ग्राहकों द्वारा कर्ज की अदायगी पर असर पड़ने की संभावना नहीं है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, आवास ऋण देने वाली कंपनियों के पास कर्ज अवधि बढ़ाने की गुंजाइश कम है। मुख्य आवास ऋण खंड में पहले से ही किस्तें भरने की लंबी अवधि है और ऋण अवधि में एक और वृद्धि से यह कर्ज लेने वालों के कुल जीवन से आगे निकल जायेगी।
इक्रा के वित्तीय क्षेत्र की रेटिंग प्रमुख मनुश्री सागर ने कहा कि इसके कारण आवास ऋण के लिए मासिक किस्तें (ईएमआई) 12 से 21 प्रतिशत बढ़ जाएंगी। वहीं, किफायती आवास ऋण खंड के मामले में यह आठ से 13 प्रतिशत बढ़ सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावना है। इसलिए ऋणदाताओं के पास ऋण अवधि बढ़ाने की सीमित गुंजाइश है। इस प्रकार ईएमआई की राशि को बढ़ाना होगा और इसमें बदलाव करना होगा। हालांकि, इससे एचएफसी के परिसंपत्ति गुणवत्ता संकेतकों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।’’
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए इस साल मई के बाद से नीतिगत ब्याज दरों में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे कर्ज लेने वालों द्वारा भुगतान की जाने वाली दरों में भी वृद्धि हुई है।
भाषा जतिन अजय
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