नई दिल्ली : नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने नई दिल्ली में फिल्म ठाकरे के प्रमोशन के दौरान कहा कि बालासाहब के व्यक्तित्व को परदे पर निभाना मेरे लिए गर्व की बात है. मुझे हर तरह के चैलेंज लेना पसंद है.
बालासाहब के उत्तर भारतीयों के खिलाफ और मराठी मानुस की राजनीति करने पर नवाज़ुद्दीन ने कहा मैं कलाकार हूं. मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे से आता हूं और मेरे जैसे बहुत लोग मुंबई सपने लेकर जाते है और अपने सपने को पूरा करते है. मुझे नहीं लगता कि मुंबई में उत्तर भारतीयों के लिए कोई समस्या है. 2012 में उनके देहांत के बाद भी लोग उनसे जुड़े हुए हैं. मैंने उनके किरदार को निभाने के लिए बहुत मेहनत की है.
फिल्म के लेखक और शिवसेना सांसद संजय राउत का तर्क था कि उत्तर भारतीय विरोधी होने की बालासाहब ठाकरे की छवि सही नहीं है. वे कहते है, ‘बालासाहब पूरे 50 साल के राजनीतिक जीवन में उत्तर भारतीयों से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे. केवल भूमि पुत्र आंदोलन एक बार हुआ था.’
इस फिल्म में रोल की चर्चा करते हुए नवाज़ का कहना था कि ‘जब मेरी मां को पता चला की मैं बालासाहब के किरदार को निभा रहा हूं तो वह बहुत खुश हुई. उनकी खुशी में मेरी खुशी है.’
उन्होंने यह भी कहा ‘मैं अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर काम करना चाहता हूं.’ उनका कहना था कि वे बालासाहब से कभी नहीं मिले पर जो कुछ भी उनके बारे में जाना सुना वो उनके बहुत ‘इन्सपायरिंग’ रहा.
अमृता रॉव भी काफी दिनों से फिल्मों से दूर थी वो भी ठाकरे फिल्म से अपना दोबारा डेब्यू कर रहीं हैं. उन्होंने कहा ‘मुझे बालासाहब कि पत्नी का रोल करके अच्छा लगा. इस रोल को निभाना मेरे लिए बहुत चैलेंज था. मैं जिस किरदार को निभा रहीं थी उसका कोई भी ऑडियो विज़ुअल कहीं भी नहीं मिलता है उनके किरदार को निभाना मेरे लिए चैलेंज था.’
सांसद संजय राउत कहा ‘फिल्म को मैंने लिखा है और नवाज़ को रोल के लिए मैंने चुना है. मेरा इस फिल्म को लिखने का अनुभव अच्छा था. मेरा लिखने का ही काम है मैं सामना में लिखता हूं.’ कथा-पटकथा अब जनता के दरबार में है वो ही तय करेगी की उसे ये कैसी लगी.
राउत का कहना था ‘बालासाहब का जीवन एक खुली किताब है और इस फिल्म में सब सच्चाई है, कुछ भी बनावटी नहीं है. जैसा मैंने उनको देखा है वैसे ही स्क्रीन प्ले लिखा है.’
उन्होंने यह भी कहा की नवाज़ का कभी स्क्रीन टेस्ट नहीं हुआ. वे कहते हैं, ‘मैं दो साल से ठाकरे ढूंढ़ता रहा. मैं एक बार फ्लाइट में जा रहा था तब नवाज़ भाई की फिल्म फ्रीकी अली देखी तभी मैंने अपनी टीम को स्टार ढूंढने के लिए मना कर दिया. मैने अपनी टीम से कहा मुझे अपना हीरो मिल गया है. ‘
राउत कहते है, ‘यह फिल्म बालासाहब ठाकरे की है वो कोई एक्सीडेंटल शिवसेना प्रमुख नहीं है.’