scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमदेश'जबरन वसूली, बढ़ती आमदनी, मवेशी सरगना से संबंध' - TMC के मंडल के खिलाफ CBI चार्जशीट

‘जबरन वसूली, बढ़ती आमदनी, मवेशी सरगना से संबंध’ – TMC के मंडल के खिलाफ CBI चार्जशीट

अनुब्रत मंडल अपने 'राजनीतिक रुतबे का इस्तेमाल कर पैसे वसूल रहे थे' और पशु तस्करी रैकेट के सरगना के साथ 'आपराधिक साजिश' में शामिल थे. उन्होंने तकरीबन 18 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट किए हुए थे.

Text Size:

कोलकाता: कॉल रिकॉर्ड बताते हैं कि मंडल का बॉडी गार्ड एक पशु तस्कर ‘सरगना’ से पैसे वसूली का काम करता था और कथित अपराध से होने वाली आमदनी से उन्होंने दो चावल मिलों को खरीदा था. इसके अलावा उन्होंने फिक्स्ड डिपॉजिट में 18 करोड़ रुपये का भी निवेश किया हुआ है – ये उन आरोपों में से हैं, जिनका उल्लेख केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल के खिलाफ अपनी चार्जशीट में किया है.

मंडल पर अपनी संपत्ति छिपाने के लिए राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने बताया कि उन्होंने न सिर्फ अपने घर में काम करने वाले नौकरों के नाम पर बैंक खाते खोले, बल्कि उन्हें ऑपरेट भी किया. यहां तक कि खुद के लिए बड़ी-बड़ी गाड़ियां खरीदने के लिए उनके नाम का भी इस्तेमाल किया. उनकेे नाम पर पेट्रोल पंप भी खरीदे गए.

पश्चिम बंगाल में मंडल को हर कोई जानता है. वह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. सत्तारूढ़ टीएमसी के एक मात्र जिलाध्यक्ष जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन बीरभूम और आसपास के जिलों में उनका रुतबा देखते ही बनता है.

मंडल को सीबीआई ने 11 अगस्त को बोलपुर में उनके घर से गिरफ्तार किया था और तब से वह सीमा पार मवेशी तस्करी में कथित भूमिका को लेकर जेल में हैं. एजेंसी ने 2020 में उसके सरगना मोहम्मद इनामुल हक को गिरफ्तार किया था.

मंडल के खिलाफ 35-पेजों के आरोप पत्र में सीबीआई ने उनके और उनकी बेटी सुकन्या की संपत्तियों की लिस्ट का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि मवेशी तस्करी से होने वाली आमदनी को व्हाइट मनी में बदलने के लिए मंडल के सीए मनीष कोठारी ने ‘खोल कंपनियों’ का सहारा लिया था. आरोप पत्र की एक प्रति दिप्रिंट के पास है.

एजेंसी ने ये आरोप मंडल के कॉल रिकॉर्ड, उनके बॉडी गार्ड सहगल हुसैन उर्फ ‘साइकिल’ और हक से मिले सबूतों के आधार पर लगाए हैं. इसके अलावा टीएमसी नेता के करीबी सहयोगियों के नाम पर चल रहे बैंक खाते और तीन लोगों के साथ मिलकर मनी ट्रेल बनाने के प्रयास भी एजेंसी के लिए बड़े सबूतों में से हैं. फिलहाल ये तीनों व्यक्ति बांग्लादेश में पशु तस्करी करने वाले रैकेट में अपनी कथित संलिप्तता के चलते सलाखों के पीछे हैं.

अगस्त में आसनसोल में एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में, सीबीआई ने मंडल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (उकसाने) 120 बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) लगाई है.

उन पर धारा 7 (अवैध परितोषण की मांग), 9 (लोक सेवक पर व्यक्तिगत प्रभाव का प्रयोग करके परितोषण प्राप्त करना), 11 (लोक सेवक बिना प्रतिफल के मूल्यवान वस्तु प्राप्त करना), 12 (धारा 7 या 11 के तहत दंडनीय अपराध को बढ़ावा देना), 13(2) (लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार), 13(1)(डी) (आय से अधिक संपत्ति) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मंडल के वकील अनिर्बान गुहा ठाकुरता ने बताया कि सीबीआई उनके मुवक्किल और सीमा पार पशु तस्करों के बीच कोई संबंध बता पाने में विफल रही है. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘आपने तो चार्जशीट देखी है. सीबीआई अनुब्रत मंडल के खिलाफ कोई सबूत नहीं दे पाई है. वह अमीर है और यह कोई अपराध नहीं है. सीबीआई ने सिर्फ कॉल रिकॉर्ड विवरण दिखाया है जिसमें उनके बॉडीगार्ड सहगल के इनामुल हक से बात करने का उल्लेख है.’

ठाकुरता ने कहा कि जब उनका मामला 11 नवंबर को सुनवाई के लिए आएगा तो जमानत के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे.

‘जबरन वसूली, आपराधिक साजिश’

आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा है कि मंडल का ‘राज्य प्रशासन पर काफी दबदबा है, जिसे सत्ताधारी पार्टी (टीएमसी) ने एक बड़ा पद सौंपा हुआ है. और वह ‘अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न संस्थाओं से पैसे वसूल रहे थे.’

सीबीआई का यह भी दावा है कि मंडल एक आपराधिक साजिश में शामिल थे और ‘इनामुल हक को समर्थन और सुरक्षा दे रहे थे’, ताकि ‘बीरभूम और मुर्शिदाबाद जिलों के जरिए अंतरराष्ट्रीय भारत-बांग्लादेश सीमा की ओर पशुओं की आसानी से खरीद-फरोख्त की जा सके.

एजेंसी के अनुसार, मंडल का बॉडीगार्ड सहगल हुसैन उर्फ ‘साइकिल’ – पश्चिम बंगाल पुलिस में एक कांस्टेबल – कथित तौर पर उनकी ओर से हर महीने कमीशन जमा कर रहा था. तीन लोगों के कॉल रिकॉर्ड का हवाला देते हुए सीबीआई का कहना है कि हक से संपर्क करने के लिए बॉडीगार्ड के फोन का इस्तेमाल कई बार किया गया था.

सीबीआई के मुताबिक, ‘आरोपी अनुब्रत मंडल अपने राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव के चलते हर महीने कमीशन लेता था और उसके बदले में मोहम्मद इनामुल हक को समर्थन और सुरक्षा प्रदान की जाती थी.’

एजेंसी का दावा है कि मंडल ने 2018 में हक के पक्ष में पिछली तारीख की बिक्री रसीद जारी करने के लिए बीरभूम जिले में एक पशु मेले के मालिक को ‘प्रभावित’ किया. चार्जशीट में कहा गया है, ‘पिछली तारीख के बिल इस बात को सही ठहराने के लिए बनाए गए थे कि मवेशियों को पशु मेले में बेचा गया था और तस्करी नहीं की गई थी.’

‘घरेलू नौकरों के नाम पर खरीदी कारें, पेट्रोल पंप’

सीबीआई के मुताबिक, मंडल ने अपने घरेलू नौकरों के दस्तावेजों का दुरुपयोग सीमा पार पशु तस्करी में मिलने वाले पैसे को छिपाने के लिए किया था.

सीबीआई ने कहा, ‘जांच से पता चला कि मंडल ने अपने घरेलू नौकरों के नाम पर (बैंक) खाते खोले और उनसे पैसे भी निकाले. अवैध पशु तस्करी के कारोबार से मिलने वाले पैसों को फर्जी संस्थाओं के जरिए वह इन खातों में जमा कराता रहता था. घरेलू नौकरों के नाम पर अपने इस्तेमाल के लिए महंगी गाड़ियां भी खरीदी थीं.’

सीबीआई ने यह भी बताया कि मंडल ने पशु तस्करी के जरिए होने वाली अवैध आय से अपने एक घरेलू नौकर विद्युत बरन गायेन के नाम से कई संपत्तियां खरीदीं थी.

जांच एजेंसी ने एक ऐसे बैंक खाते का भी उल्लेख किया है जो कथित तौर पर मंडल और उनके बॉडीगार्ड ने टीएमसी के एक बेहद विश्वसनीय घरेलू सहायकों में से एक विश्वज्योति बनर्जी के नाम से खोला था.

सीबीआई का कहना है, ‘बनर्जी की जानकारी के बिना इंडियन बैंक के इस खाते से भारी नकद जमा किया गया और निकाला गया. भोले बम सर्विस स्टेशन के नाम पर एक पेट्रोल पंप खरीदने के लिए आवेदन में 26.82 लाख रुपये जमा करने की जरूरत थी. बनर्जी के हस्ताक्षर वाले चेक के जरिए इस राशि को उनके खाते से निकाला गया था.’

‘एफडी में 18 करोड़ रुपये, आय में उछाल’

जांच एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि 2014 और 2018 के बीचमंडल ने बीरभूम और कोलकाता में बोलपुर और उसके आसपास कई करोड़ों की दो चावल मिलों और कई संपत्तियों को अपने नाम पर और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदा था.

सीबीआई का आरोप है, ‘आरोपी अनुब्रत मंडल ने भी आरोपी इनामुल हक से मिले पैसों से करीब 18 करोड़ रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया था.’

आरोप पत्र में टीएमसी नेता और उनकी बेटी के आयकर रिटर्न संलग्न करते हुए सीबीआई का कहना है कि मंडल की ‘वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान कुल 5,33,037 रुपये की आय थी, जो कि आसमान छूते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,01,03,664 रुपये तक पहुंच गई.’

उनकी बेटी सुकन्या एक प्राइमरी स्कूल टीचर है. उसने अपनी आय ‘2012-13 के दौरान 3,09,399 रुपये बताई थी जो 2020-21 के दौरान 1,44,94,090 रुपये हो गई.’

सीबीआई ने दावा किया कि ‘अब तक की गई जांच के दौरान, एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक और इंडियन बैंक में अनुब्रत मंडल और उनकी बेटी सुकन्या के नाम पर कई बैंक खातों की पहचान हुई है. बाद के वर्षों में उनकी आय बेइंतहा बढ़ गई, जैसा कि उन्होंने अपनी आई-टी रिटर्न में बताया है.’

सीमा पार पशु तस्करी की एक अलग जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए सुकन्या बुधवार और गुरुवार को नई दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के मुख्यालय में पेश हुई थीं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें-FDI में महाराष्ट्र आगे लेकिन राजनीतिक स्थिरता और दिल्ली के वरदहस्त ने गुजरात की स्थिति मजबूत की


share & View comments