दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के चित्रित कार्टून में, संदीप अध्वर्यु ने एक अध्ययन के निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पिछले हफ्ते अरबपति एलोन मस्क के माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण करने के तुरंत बाद ट्विटर पर अभद्र भाषा की घटनाएं बढ़ गईं.
कीर्तीश भट्ट भी मस्क के ट्विटर के अधिग्रहण और उसके बाद की घोषणा पर तंज कस रहे हैं कि ‘वेरिफाइड’ हैंडल वाले उपयोगकर्ताओं को ‘ब्लू टिक’ के लिए हर महीने 8 डॉलर देने होंगे.
आलोक निरंतर तंज कस रहे हैं कि कैसे आम आदमी पार्टी के, चुनावी गुजरात में अपने पदचिह्न का विस्तार करने के गंभीर प्रयास कैसे केजरीवाल सरकार के नेतृत्व वाली दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण से मेल खाते हैं.
सतीश आचार्य अपने कैनवास का उपयोग इस तर्क को खारिज करने के लिए करते हैं कि मोरबी त्रासदी के लिए जवाबदेही पूरी तरह से स्थानीय लोगों की जिम्मेदारी है.
साजिथ कुमार मोरबी स्थित ओरेवा समूह के एक प्रबंधक द्वारा की गई टिप्पणी की ओर इशारा करते हैं – पतन के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए नौ में से एक – जिन्होंने बुधवार को एक अदालत को बताया कि त्रासदी “भगवान का कार्य” था.
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