लखनऊ, दो नवंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह सितंबर में शहर के जिस होटल में आग लगी थी, उसे विभिन्न तरह के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) और लाइसेंस देने में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन करे। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी।
अदालत ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह दो अपर मुख्य सचिवों के साथ पुलिस महानिदेशक की उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी का गठन करें। यह कमेटी उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित कराए जो इस मामले में नियामकीय व लाइसेंसिंग प्राधिकारी रहे हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने इस अग्निकांड मामले में निलम्बित किए गए मुख्य अग्नि शमन अधिकारी विजय कुमार सिंह की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया।
अदालत ने साथ ही उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी को आदेश दिया है कि वह लखनऊ के मंडलायुक्त व पुलिस आयुक्त की दो सदस्यीय कमेटी द्वारा नौ सितंबर 2022 को तैयार रिपोर्ट पर विचार करे।
इस रिपेार्ट में सरकारी महकमों की घोर लापरवाही की बात कही गई है।
गौरतलब है कि शहर के पॉश हजरतगंज इलाके में लेवाना सूट होटल में सितंबर के महीने में आग लगने से चार मेहमानों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
भाषा सं जफर धीरज
धीरज
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