नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उस याचिका के सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है, जिसमें सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती मिली है. याचिका में कहा गया है कि सीबीआई निदेशक की शॉर्टलिस्टिंग, चुनाव करने और उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता में लाई जाय.
जस्टिस गोगोई ने कहा कि वह अगले सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली चयन समिति की बैठक का हिस्सा बनेंगे. अब इस याचिका पर 24 जनवरी को एक दूसरी बेंच सुनवाई करेगी.
Chief Justice of India recuses himself from hearing a plea challenging M Nageswara Rao's appointment as interim Director of the Central Bureau of Investigation (CBI) and has sought transparency in the process of short-listing, selection and appointment of the CBI Director. pic.twitter.com/VwL8kEOjNK
— ANI (@ANI) January 21, 2019
गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ और आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने राव की नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. 16 जनवरी को इस मामले पर सुनवाई की जानी थी. उनकी तरफ से सुनवाई के लिए वकील प्रशांत भूषण पेश हुए थे और उन्होंने मामले पर 18 जनवरी को सुनवाई के लिए कहा था, जिस पर अदालत ने कहा था कि अगले हफ्ते सुनवाई करने की बात कही थी.
सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति होने तक सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक राव को 10 जनवरी को अंतरिम प्रमुख बनाया गया था.
गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार पैनल ने सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा को भ्रष्टाचार अन्य आरोपों के तहत एजेंसी के प्रमुख पद से हटा दिया था. समिति में पीएम मोदी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के तौर पर न्यायमूर्ति एके सीकरी मौजूद थे. खड़गे ने समिति के फैसले का विरोध किया था और इसे गलत करार दिया था. उन्होंने सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा पर लगे ज्यादातर आरोपों की जांच की मांग की थी.