मानगढ (राजस्थान), एक नवंबर (भाषा) गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने अंग्रेजी हुकूमत द्वारा नवंबर 1913 में मानगढ़ की पहाड़ी पर आदिवासियों की सभा पर गोली चलाए जाने की घटना को जलियांवाला बाग से बड़ा हत्याकांड बताया है। इस घटना में लगभग 1500 आदिवासियों की जान चली गयी थी।
पटेल बांसवाड़ा के पास यहां ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा आदिवासी समाज एक बलिदानी समाज है। राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के त्रिसंगम पर स्थित यह मानगढ़ पहाड़ी हमारे आदिवासी भाई बहनों की वीरता के अनेक उदाहरणों में से एक है।’’
पटेल ने कहा, ‘‘17 नवंबर 1913 का वो काला दिन कौन भूल सकता है जब अंग्रेजों ने लगभग 1500 आदिवासी भाई बहनों को गोलियों से भून दिया था। जलियांवाला बाग हत्याकांड से भीषण इस मानगढ़ हत्याकांड में हजारों आदिवासी राष्ट्रप्रेमी लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।’’
उल्लेखनीय है कि मानगढ़ की पहाड़ी भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया। स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु के नेतृत्व में 17 नवंबर 1913 को 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की थी। इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चला दीं, जिसमें लगभग 1,500 आदिवासियों की जान चली गई।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।
भाषा पृथ्वी कुंज राजकुमार वैभव
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