scorecardresearch
Saturday, 23 November, 2024
होमदेशModi ने गुजरात में ट्रांसपोर्ट विमान निर्माण संयंत्र की नींव रखी, कहा- मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा भारत

Modi ने गुजरात में ट्रांसपोर्ट विमान निर्माण संयंत्र की नींव रखी, कहा- मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा भारत

पीएम ने कहा कि मेक इन इंडिया, मेक फॉर ग्लोब के इस मंत्र पर आगे बढ़ता भारत आज अपने सामर्थ्य को और आगे बढ़ा रहा है.

Text Size:

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के वडोदरा में C-295 परिवहन विमान निर्माण संयंत्र की आधारशिला रखी. इस दौरान पीएम ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तारीफ की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज भारत को दुनिया का बड़ा विनिर्माण हब बनाने की दिशा में हम बहुत बड़ा कदम उठा रहे हैं. भारत आज अपना लड़ाकू विमान, टैंक, पनडुब्बी बना रहा है. इतना ही नहीं भारत में बनी दवाइयां और वैक्सीन भी दुनिया में लाखों लोगों का जीवन बचा रही हैं.’

पीएम ने कहा कि मेक इन इंडिया, मेक फॉर ग्लोब के इस मंत्र पर आगे बढ़ता भारत आज अपने सामर्थ्य को और आगे बढ़ा रहा है. अब भारत परिवहन विमान का भी बहुत बड़ा निर्माता बनेगा. आज भारत में इसकी शुरुआत हो रही है. और मैं वो दिन देख रहा हूं जब दुनिया के बड़े यात्री विमान भी भारत में बनेंगे.

उन्होंने कहा कि आज भारत में दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होता विमानन क्षेत्र है. वायु यातायात के मामले में हम जल्द ही हवाई यातायात के मामले में हम दुनिया के शीर्ष 3 देशों में पहुंचने वाले हैं. अगले 4-5 वर्षों में करोड़ों नए यात्री हवाई सफर के यात्री होने वाले हैं.

मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया के लिए सुनहरा मौका लेकर आया है. कोरोना और युद्ध से बनी परिस्थितियों के बावजूद, सप्लाई चेन में रुकावटों के बावजूद, भारत निर्माण क्षेत्र के विकास की गति बनी हुई है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उड़ान योजना से भी इसमें बहुत मदद मिल रही है. अनुमान है कि आने वाले 10-15 वर्षों में भारत को 2000 से अधिक यात्री और कार्गो विमानों की आवश्यकता होगी. यह दर्शाता है कि विकास कितनी तेजी से होने वाला है.

उन्होंने कहा कि यहां बनने वाले परिवहन विमान हमारी सेना को तो ताकत देंगे ही, इससे हमारे विमान निर्माण के लिए एक नए पारिस्थितिक तंत्र का भी विकास होगा. शिक्षा और संस्कृति के रूप में प्रतिष्ठित वड़ोदरा अब विमानन क्षेत्र हब के रूप में नई पहचान बनाएगा.


यह भी पढ़ें: मिलिए दिप्रिंट के डेस्क, यानी पत्रकारिता में सबसे अनचाहा काम करने वालों से


 

share & View comments