नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर के विधायक आज़म खान को उत्तर प्रदेश विधान सभा की सदस्यता से आयोग्य घोषित कर दिया गया है. यह कदम तब उठाया गया है जब एक दिन पहले उन्हें 2019 में हेट स्पीच देने के लिए 3 साल की सजा और 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा कार्यालय से यह जानकारी सामने आई है.
रामपुर जिला अदालत द्वारा 2019 में अभद्र भाषा के मामले में खान को 3 साल सजा सुनाई गई है, जिससे उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता गंवानी पड़ी है, क्योंकि उनके कारावास की अवधि 2 साल से ज्यादा है.
समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर विधायक आज़म खान उत्तर प्रदेश विधान सभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए गए: उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय
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सपा नेता ने इसकी वजह से अपना विधायक पद खो दिया हैं क्योंकि 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार यदि कोई विधायक, एमएलसी या सांसद किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया जाता है और कम से कम 2 साल की जेल हो जाती है तो वह तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है.
आज़म खान ने रामपुर (यूपी) से 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था, लेकिन मार्च 2022 में यूपी विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने यह सीट खाली कर दी थी. सपा नेता सीतापुर जेल में बंद रहते हुए रामपुर से 2022 का विधानसभा चुनाव जीता था.
इससे पहले गुरुवार को, समाजवादी पार्टी के नेता और दो अन्य आरोपियों को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उनके भाषण के खिलाफ दायर एक मामले में 2,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3 साल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, उन्हें जमानत दे दी गई है और सजा के खिलाफ अपील करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के सीएम और रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी को लेकर अप्रैल 2019 में खान के खिलाफ रामपुर में मामला दर्ज किया गया था.
2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान, खान ने रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उम्मीदवार संजय कपूर के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की थी.
इस साल की शुरुआत में, आज़म खान को सीतापुर जिला जेल से रिहा किया गया था, जिसके एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें धोखाधड़ी के एक कथित मामले में अंतरिम जमानत दी थी.
सपा नेता को रामपुर थाने में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में भी जमानत मिल गई थी.
खान फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं.
जैसे ही न्यायालय का निर्णय आया, उ.प्र. के विधानसभा सचिवालय ने एक पत्र चुनाव आयोग को लिखा है। अब ये विधानसभा सीट जिसपर आज़म खान विधायक थे, वो रिक्त घोषित हो गई है। अब ये तय हो गया है कि उ.प्र. में कानून का पालन सबको करना होगा: उ.प्र. के उप मुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक pic.twitter.com/lK1lVKtOck
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वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक ने कहा, ‘जैसे ही कोर्ट का फैसला आया, उ.प्र. के विधानसभा सचिवालय ने एक पत्र चुनाव आयोग को लिखा. अब ये विधानसभा सीट जिस पर आज़म खान विधायक थे वह खाली घोषित हो गई है. अब यह तय हो गया है कि उत्तर प्रदेश में कानून का पालन सबको करना होगा.
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