नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें 22 साल पुराने हत्या के मामले में उनकी रिहाई को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की अपील के खिलाफ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से इलाहाबाद बेंच में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी.
मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने मिश्रा से उच्च न्यायालय के समक्ष अनुरोध करने के लिए कहा कि वरिष्ठ वकील, जो उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने दें, यदि वह लखनऊ आने में असमर्थ हैं.
बेंच ने अपने आदेश में कहा, ‘अगर वरिष्ठ वकील लखनऊ आने में असमर्थ हों तो उच्च न्यायालय उन्हें वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने की अनुमति देने के अनुरोध पर विचार कर सकता है.’
मिश्रा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत पहुंचे थे जिसने सरकार की अपील लखनऊ बेंच से इलाहाबाद बेंच को ट्रांसफर करने से मना कर दिया.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने इस आधार पर ट्रांसफर की मांग की थी कि उनका प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील आमतौर पर इलाहाबाद में रहते थे और उनकी वृद्धावस्था के कारण, उनके लिए बहस करने लखनऊ जाना संभव नहीं होगा.
मामले के अनुसार, मिश्रा पर जुलाई 2000 में उत्तर प्रदेश के तिकुनिया शहर में एक व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता को लेकर एक स्थानीय उद्यमी, प्रभात गुप्ता की हत्या करने का आरोप है.
2004 में, उन्हें ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया था और उस आदेश को चुनौती देते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2004 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
मामला अब भी हाईकोर्ट में लंबित है.
यह भी पढ़ें: ‘वंदे मातरम्’ का आदेश जारी होने के बाद भी महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारी फोन पर ‘हैलो’ बोलकर जवाब दे रहे