scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमविदेशFATF के पाकिस्तान को राहत देने पर विचार करने से पहले ही जैश-ए-मोहम्मद अपने मदरसे के विस्तार में जुटा

FATF के पाकिस्तान को राहत देने पर विचार करने से पहले ही जैश-ए-मोहम्मद अपने मदरसे के विस्तार में जुटा

पंजाब प्रांत के बहावलपुर में स्थित एक विशाल परिसर में चल रहे मदरसे में 600 से अधिक छात्रों के दिमाग में जिहाद का जहर भरा जा रहा है. यह पूरे पाकिस्तान में जैश की तरफ से चलाए जा रहे एक दर्जन से अधिक मदरसों में से एक है.

Text Size:

नई दिल्ली: बहुराष्ट्रीय संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) जहां पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने में नाकाम देशों की निगरानी सूची से बाहर करने पर विचार के लिए एक बैठक करने जा रहा है, वहीं जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) बहावलपुर में अपने विशाल जामा-ए-मस्जिद सुभानल्लाह और साबिर मदरसा परिसर का विस्तार करने में जुटा है.

समूह से वाकिफ दो सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि आतंकी संगठन ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर शहर में कुछ समय पहले ली गई करीब चार एकड़ जमीन में पिछली चारदीवारी का विस्तार करना शुरू कर दिया है.

सूत्रों ने बताया कि जमीन इस साल के शुरू में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर अल्वी के भाई अब्दुल रऊफ अशगर को बेची गई थी. यह जमीन स्थानीय नंबरदार या पीढ़ी-दर-पीढ़ी ग्राम प्रधान रहने वाले जाहिद चन्नार के परिवार ने बेची थी. परिवार ने इस क्षेत्र में एक अपार्टमेंट परिसर सहित कई अन्य निजी संस्थाओं को भी अपनी जमीन बेची है.

जैश-ए-मुहम्मद की तरफ से इस महीने प्रकाशित और दिप्रिंट द्वारा हासिल की गई बच्चों की एक पत्रिका मुसलमान बच्चे दर्शाती है कि मदरसे में पढ़ने वाले 600 से अधिक छात्रों के दिमाग में किस तरह जिहाद का जहर भरा जा रहा है.

इसमें एक लेख में कहा गया है, ‘जब दुनिया से हमारे जिहाद को मिटाने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए जा रहे थे और हजारों टीवी, इंटरनेट और रेडियो चैनल जिहाद के खिलाफ जहर उगल रहे थे. तब बहावलपुर की जामा मस्जिद में जिहाद के आह्वान के साथ उस्मान वा-अली का सुर गूंज रहा था.’

इस साल के शुरू में एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर आने के लिए उठाए गए कदमों के सिलसिले में इस्लामाबाद ने अफगानिस्तान में तालिबान शासन को पत्र लिखकर मसूद अजहर का पता लगाने और उसे गिरफ्तार करने को कहा था. पाकिस्तान ने आतंकवाद संबंधी आरोपों में 26/11 के आरोपी साजिद मीर सहित लश्कर-ए-तैयबा के कई सदस्यों को गिरफ्तार भी किया. इसके बाद, इन कदमों के असर की पुष्टि के लिए एफएटीएफ के निरीक्षकों ने पाकिस्तान की यात्रा की थी.

हालांकि, एक वरिष्ठ भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तान ने चाहे जो कार्रवाई की हो, उसके बावजूद जैश स्पष्ट तौर पर अच्छी-खासी फंडिंग हासिल करने में सक्षम है.’

मई में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निरीक्षकों ने बताया कि जैश के ‘नंगरहार में आठ प्रशिक्षण शिविर हैं, जिनमें से तीन सीधे तालिबान के नियंत्रण में हैं.’


यह भी पढ़ेंः क्या ‘अयोध्या की गंगा’ को फिर जीवित करने का काम भी गंगा की सफाई की तर्ज पर हो रहा


जैश ने खरीदी जमीन

स्थानीय रिकॉर्ड दर्शाते हैं जिस नौ एकड़ की संपत्ति पर मदरसे और मस्जिद का निर्माण किया गया, उसे मार्च 2008 में मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अशगर को 15 लाख पाकिस्तानी रुपये में बेचा गया था. परिसर में अब कक्षाएं, खेल का मैदान और प्रार्थना क्षेत्र है.

एक स्थानीय निवासी ने दिप्रिंट को बताया कि परिसर के चारों ओर की चारदीवारी अभी खड़ी है, लेकिन नई अधिगृहीत जमीन पर निर्माण का काम भी शुरू हो गया है.

पुलवामा में 2019 के आत्मघाती बम हमले के बाद पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि वह परिसर का नियंत्रण अपने हाथ में ले रहा है. हालांकि, बाद में बहावलपुर के डिप्टी कमिश्नर शाहजेब सईद ने पत्रकारों से कहा था कि यह सिर्फ एक ‘नियमित मदरसा है जिसका जैश-ए-मोहम्मद से कोई संबंध नहीं है.’ पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी प्राधिकरण के मुताबिक, जैश पर 2002 से प्रतिबंध लागू है.

हालांकि, भूमि रिकॉर्ड यह स्पष्ट करते हैं कि परिसर का स्वामित्व रऊफ के पास है, जिसे 2010 में अमेरिका ने ‘पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत में निर्दोष नागरिकों के खिलाफ घातक हमलों’ में निभाई गई भूमिका के लिए एक आतंकवादी घोषित कर दिया था. जैश हाउस जर्नल अल-कलम ने अपने 9 फरवरी 2017 के अंक में रऊफ को ‘जैश-ए-मोहम्मद का जनरल’ बताया था.

दिप्रिंट को मिले कुछ फुटेज यह भी दर्शाते हैं कि इस साल के शुरू में जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से कश्मीर में अपने जिहादियों के मारे जाने की याद में सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करना जारी था, जिसमें सशस्त्र कैडर हवाई फायरिंग करते और जिहाद समर्थक नारे लगाते.


यह भी पढ़ेंः पिछले 50 सालों में पहले दलित अध्यक्ष के रूप में क्या खड़गे कांग्रेस के भाग्य को बदल पाएंगे


नफरत फैलाने में जुटा संगठन

बहावलपुर स्थित जैश मदरसे में होने वाली पढ़ाई पर बहुत कम ही जानकारी सामने आई है, जो पाकिस्तान भर में संगठन की तरफ से संचालित एक दर्जन से अधिक मदरसों में एक है. हालांकि, आतंकवादी संगठन की बच्चों की पत्रिका मुसलमान बच्चे की सामग्री जिहाद समर्थक संदर्भों से भरी है. उदाहरण के तौर पर पत्रिका जिहाद पर एक भाषण प्रतियोगिता का जिक्र करती है, और बताती है कि इसमें सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.

विडंबना यह है कि कश्मीर में वाहन-बम हमलों के लिए जिम्मेदार रहे एक संगठन की तरफ से प्रकाशित इस पत्रिका में नॉर्मन टिम्ब्स स्पेशल, स्टाउट स्कारब और बुगाटी टाइप 5 एरोलिथ जैसी विंटेज कारों पर एक विशेष फीचर छपा है.

पत्रिका में पाकिस्तान सरकार की पश्चिम समर्थक नीतियों की आलोचना करने वाला लेख भी है.

इसमें लिखा गया है, ‘हर दिन, पहली खबर महंगाई बढ़ने से जुड़ी होती है. मांस खाना तो दूर की बात है, लोगों के पास दाल और सब्जियां खाने की भी स्थिति नहीं बची है. लेकिन, देश के शासक और राजनेता उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन की बहाली की अपनी उत्सुकता में मुसलमानों का खून बहाने वालों को हथियार उपलब्ध करा देते हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस में नीतिगत बदलाव के संकेत नहीं, शी बने रह सकते हैं 2032 तक चेयरमैन


 

share & View comments