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Friday, 22 November, 2024
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हैकाथॉन के लिए छात्रों की ट्रेनिंग और बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार – जानिए ‘PM-SHRI’ योजना वाले सरकारी स्कूलों के बारे में

केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों से इतर, ये स्कूल केंद्र और राज्य सरकारों की साझेदारी के साथ चलेंगे और न्यू एजुकेशन पालिसी (एनईपी) का पूरी तरह से पालन करेंगे. इनके पहले बैच की घोषणा दिसंबर तक होने की संभावना है.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार मोदी सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-एसएचआरआई या पीएम-श्री) योजना के तहत ‘मॉडल स्कूलों’ का चयन करने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है, और शिक्षा मंत्रालय इन साल के अंत तक इन स्कूलों की पहली सूची घोषित करने के लिए तैयार हो रहा है.

यह योजना मौजूदा सरकारी स्कूलों को अपने दायरे में लाएगी और वहां नई शिक्षा नीति (एनईपी) का पूरी तरह से पालन किये जाने के उद्देश्य से बुनियादी ढांचे और पाठ्यक्रम में आमूलचूल सुधार करेगी, तथा उन्हें अन्य संस्थानों से अलग दिखाने के लिए उनके नाम से पहले पीएम ‘श्री उपसर्ग’ जोड़ा जायेगा.

केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों से इतर, ये स्कूल केंद्र और राज्य सरकारों की साझेदारी के साथ चलेंगे. केंद्र सरकार इनमें खर्च होने वाले धन में 60 प्रतिशत योगदान देगी और शेष राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाएगा. पूर्वोत्तर राज्यों के मामले में यह अनुपात 90:10 होगा. केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने पिछले महीने ही इस योजना को मंजूरी दी थी और शिक्षा मंत्रालय अब इसे अंतिम रूप देने पर काम कर रहा है.

शिक्षा मंत्रालय देश भर के 14,000 से अधिक स्कूलों को शीर्ष स्तर के स्कूलों में बदलने का लक्ष्य बना रहा है, और इनकी पहली खेप वाले नामों के दिसंबर तक घोषित हो जाने की उम्मीद है. इस योजना से जुड़े सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि अगले दो वर्षों में इस संख्या को 14,000 से अधिक तक ले जाने का विचार है.

इस योजना के तहत अपने चयन हेतु सरकारी स्कूलों को आवेदन करना होगा, जो उनके मौजूदा बुनियादी ढांचे के आधार पर किया जाएगा, जिसमें भवन, काम कर रहे शौचालय, रैंप, आईटीसी (सूचना प्रौद्योगिकी और संचार) सुविधाएं, छात्र-शिक्षक अनुपात और शिक्षा की गुणवत्ता आदि शामिल है. इस आवेदन को एक पोर्टल पर जमा करना होगा जिसे अक्टूबर के अंत तक लांच किया जाएगा.

केंद्र सरकार पहले ही लगभग 2.5 लाख ऐसे सरकारी स्कूलों को शॉर्टलिस्ट कर चुकी है, जो पीएम-श्री वाले तमगे (टैग) के लिए आवेदन कर सकेंगे.

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,  ‘हम बच्चों के लिए उत्कृष्ट स्कूल तैयार करना चाहते हैं, जहां सारा ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता और छात्र के विकास पर केंद्रित किया जाए, न कि केवल स्कूल के विकास पर. पीएम-श्री स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हैकाथॉन में भाग लेने, पढ़ाई में उत्कृष्टता हासिल करने, विज्ञान सम्बन्धी परियोजनाओं और एक अच्छे स्कूल के छात्रों से अपेक्षित हर चीज में भाग लेने में सक्षम होना चाहिए.‘

इन स्कूलों का मूल्यांकन ‘पाठ्यक्रम, शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन’, ‘लोगों की पहुंच और बुनियादी ढांचे’, ‘मानव संसाधन – नेतृत्व’, ‘समावेशी अभ्यासों और लिंग समानता’, ‘प्रबंधन, अनुवीक्षण (मॉनिटरिंग) और प्रशासन तथा ‘लाभ पाने वालों की संतुष्टि’ जैसे छह व्यापक मापदंडों के तहत शामिल 125 मानकों के आधार पर किया जाएगा.

इस वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके मंत्रालय अभी भी इन मूल्यांकन मानकों के बारीक विवरण पर काम कर रहा है और जल्द ही इसे सार्वजनिक रूप से जारी करेगा.

एक बार इस योजना के तहत चुने जाने के बाद, स्कूलों की केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जाएगी और उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे पीएम-श्री टैग को बनाए रखने के लिए अपेक्षित मानकों का पालन कर रहे हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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