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Friday, 18 October, 2024
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रेलवे कर्मचारियों को केंद्र सरकार ने 78 दिनों के बोनस की घोषणा की, तेल PSUs को 22,000 करोड़ रुपए

पीएलबी के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपए प्रति माह है. प्रति पात्र रेलवे कर्मचारी को अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951 रुपए है.

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नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए रेलवे कर्मचारियों को उत्पादकता से जुड़े बोनस के भुगतान को मंजूरी दे दी, जो 78 दिनों के वेतन के बराबर है.

कैबिनेट की बैठक में बुधवार को बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर प्रोड्केटीविटी-लिंक्ड बोनस (पीएलबी) का भुगतान किया जाएगा. आंकड़ों के मुताबिक इस फैसले से करीब 11.27 लाख अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को फायदा होने की संभावना है.

रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी के भुगतान का वित्तीय प्रभाव 1,832.09 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. पीएलबी के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपए प्रति माह है. प्रति पात्र रेलवे कर्मचारी को अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951 रुपए है.

रेल मंत्रालय ने पहले कहा था कि रेल कर्मचारियों ने यात्री और माल सेवाओं में अहम भूमिका निभाई है जिसने अर्थव्यवस्था के लिए अहम स्रोत के रूप में भी काम किया है. दरअसल, रेल कर्मचारियों ने लॉकडाउन के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं जैसे भोजन, खाद, कोयला और अन्य वस्तुओं की बिना रूकावट आवाजाही सुनिश्चित की. रेलवे ने सुनिश्चित किया है कि परिचालन के क्षेत्र में ऐसी वस्तुओं की कोई कमी न हो.

वहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को घरेलू एलपीजी पर होने वाले नुकसान की वसूली में मदद करने के लिए 22,000 करोड़ रुपए के एकमुश्त अनुदान को भी मंजूरी दी है.

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि इस निर्णय से अप्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ताओं को मदद मिलेगी, क्योंकि एलपीजी की कीमतें कम से कम कुछ समय तक नहीं बढ़ेंगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन तेल विपणन कंपनियों – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को एकमुश्त अनुदान को मंजूरी दी है.

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में रसोई गैस की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, कुछ देशों में 300 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

हालांकि, ठाकुर ने कहा कि उन देशों की तुलना में, भारत में रसोई गैस की कीमतें इतनी ज्यादा नहीं बढ़ी हैं.

उन्होंने कहा कि इस कदम से भविष्य में ओएमसी और उपभोक्ताओं पर बोझ कम होगा.


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