लखनऊ: सपा-बसपा के गठबंधन में जगह न मिलने के बाद कांग्रेस अब सभी सीटों पर अकेले लड़ने की तैयारी में जुट गई है. रविवार को लखनऊ में जिलाध्यक्षों से मुलाकात के बाद कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. इस दौरान यूपी को लेकर कांग्रेस ने प्लान तैयार कर लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यूपी में एक दर्जन रैली करेंगे जिसकी रूपरेखा लगभग तैयार कर ली गई है.
ये है कांग्रेस का प्लान
यूपी में राहुल गांधी फरवरी-मार्च में कुल 12 रैली करेंगे. इसकी शुरुआत फरवरी के पहले सप्ताह में लखनऊ से हो सकती है. लखनऊ के आस-पास के जिलों के कार्यकर्ताओं से भी इस रैली में शामिल होने को कहा गया. पहले चर्चा थी कि राहुल यूपी में हापुड़ से चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे लेकिन अवध क्षेत्र में कांग्रेस की मजबूती को ध्यान में रखते हुए लखनऊ से रैलियों की शुरुआत होगी.
प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि 6-7 जिलों के 12 जोन तैयार किए गए हैं. हर जोन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की एक रैली तय है.
आरएलडी व अन्य छोटे दलों से भी बातचीत जारी
यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर कोई धर्मनिरपेक्ष दल कांग्रेस के साथ चलने को तैयार है और कांग्रेस यह समझे कि वह भाजपा से लड़ सकता है तो उसे जरूर समायोजित किया जाएगा. सपा-बसपा गठबंधन में शामिल नहीं किए जाने के बारे में पूछने पर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वह चाहते थे कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल हो, लेकिन अगर कोई साथ नहीं चलना चाहता है तो इसमें कुछ नहीं किया जा सकता.
गिनाए कांग्रेस के काम
प्रेस काॅन्फ्रेंस के दौरान गुलाम नबी आजाद ने यूपी से ज्यादा आजादी के बाद से लेकर अब तक के कांग्रेस के काम व आजादी आंदोलन में योगदान की चर्चा की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही देश को आजाद कराया और कांग्रेस ने ही टुकड़ों में बंटे भारत को एक बनाया है. हमारे नेताओं ने धर्म के आधार पर देश को नहीं बांटा. ओल्ड एज पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांगों के लिए पेंशन शुरू की. किसानों के लिए हमने काम किया और आजादी से पहले हमने किसानों को उत्थान के लिए कांग्रेस ने सोचा. नेहरू की सरकार ने सबसे पहला काम जमींदारी को खत्म करके किया था.
2009 के पैटर्न पर लड़ेगी चुनाव
यूपी में कांग्रेस का उन 21 सीटों पर विशेष फोकस रहेगा जहां 2009 में पार्टी ने जीत हासिल की थी. इनमें रायबरेली, अमेठी के अलावा बाराबंकी, उन्नाव, पडरौना, धौरारा, कानपुर, सहारनपुर, बरेली शामिल हैं. राजबब्बर, प्रमोद तिवारी समेत यूपी कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ सकते हैं.