नई दिल्ली: इंडियन फार्मा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स ने शनिवार को गाम्बिया में उनके द्वारा निर्मित खांसी का सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत पर दुख जताया है.
फार्मा कंपनी ने कहा, ‘हम मौतों के बारे में मीडिया रिपोर्टों को सुनकर स्तब्ध हैं और हमें इस घटना पर गहरा दुख हुआ है. हमें 5 अक्टूबर, को गाम्बिया में हमारे एजेंट से आधिकारिक जानकारी मिली थी. अगली दिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हमारे खिलाफ अलर्ट जारी किया था.’
भारत में बनी कफ सिरप के सेवन से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद फार्मा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स सवालों के घेरे में आ गई है.
एक आधिकारिक बयान में कंपनी के निदेशक, विवेक गोयल ने कहा, ‘हम तीन दशकों से अधिक समय से दवाओं के क्षेत्र में हैं और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (इंडिया) और स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर, हरियाणा सहित स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. ‘
उन्होंने आगे कहा कि उनके पास उन उत्पादों के निर्यात के लिए वैध दवा अनुमोदन है. इनकी कंपनी घरेलू बाजार में कुछ भी नहीं बेचती है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कंपनी प्रमाणित और प्रतिष्ठित कंपनियों से कच्चा माल खरीदती है.
गोयल ने कहा, ‘सरकारी एजेंसियों ने 1 अक्टूबर और 3 अक्टूबर, 6 अक्टूबर और 7 अक्टूबर को हमारे कारखाने का दौरा किया था और नमूने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा हमारे निदेशकों की उपस्थिति में सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ लिए गए थे.’
डब्ल्यूएचओ द्वारा मेडिकल अलर्ट जारी किए जाने के बाद दवा नियामकों ने सोनीपत में हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल की निर्माण सुविधा से सर्दी और खांसी के सिरप के नमूने जमा किए हैं.
उन्होंने आगे कहा ‘नमूने सीडीएससीओ अधिकारियों द्वारा लिए गए हैं और हम रिजल्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं. चूंकि, मामला पहले से ही जांच और विचाराधीन है, इसलिए हम किसी अन्य मुद्दे पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं और भविष्य में जब भी हमें जानकारी मिलेगी, हम आपको अपडेट करेंगे.’
बता दें कि, डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को चार भारत निर्मित कफ और कोल्ड सिरप पर अलर्ट जारी किया था जो भारत में मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा बनाई गई हैं. डब्ल्यूएचओ ने गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत को एक ही कफ और कोल्ड सिरप से जोड़ कर देखा था.
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