हिंदू गरबा कार्यक्रमों में शामिल होने वाले मुसलमानों को लेकर आक्रोश भारत के लिए ठीक नहीं है. ईद, दीवाली, दशहरा, क्रिसमस को लेकर आपसी पारस्परिकता का रास्ता बनाना है. 21वीं सदी के राष्ट्र-निर्माण के दौर में धार्मिक सिलोस में रहने वाले समुदाय भारत की कहानी को नुकसान पहुंचाएंगे.