क्रिकेट को जेंटलमैन का खेल कहा जाता है. राहुल द्रविड़ इसकी एक जीती जगती नज़ीर हैं. आज उनके जन्मदिवस पर हम जानेंगे उनके रोचक किस्से.
आज से ठीक 18 वर्ष पहले ‘इडेन गार्डन’ में क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार पारी खेली गयी थी. यह क्रिकेट इतिहास के 50 वर्षों में की सबसे अच्छी पारियों में से एक है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर- गावस्कर सीरीज़ का दूसरा टेस्ट क्रिकेट मैच खेला जा रहा था. पहली पारी में ख़राब प्रदर्शन के बाद भारत पर हार का खतरा मंडरा रहा था. लेकिन दूसरी पारी में जो हुआ वो क्रिकेट में इतिहास बन गया. राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने अपने जादुई प्रदर्शन से दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया था. राहुल द्रविड़ ने 353 गेंदों पर 180 रन बनाकर पांचवें विकेट के लिए लक्ष्मण के साथ 376 रन की साझेदारी की थी और इस टेस्ट में भारत को शानदार जीत मिली थी.
‘जिम्मी’ और ‘मिस्टर डिपेंडेबल’ के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी 1973 को एक मराठी परिवार में हुआ था. तकनीकी तौर पर द्रविड़ को क्रिकेट के इतिहास में सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक माना जाता है. तकनीकी दक्षता के माध्यम से टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाजों का छक्का छुड़ाने के लिए उनको जाना जाता था. सचिन के अलावा राहुल द्रविड़ ने भी टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में 10,000 से अधिक रन बनाये हैं. वह भारत के महान क्रिकेटरों में शुमार हैं.
‘द वाल’ की बेहतरीन पारियां
2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड ओवल मैदान में 835 मिनट क्रीज़ पर बिताकर टेस्ट मैच में भारत के लिए जीत मुक्कमल कराई. रावलपिंडी में टेस्ट मैच में 12 घंटे क्रीज़ पर बिताकर 270 रन की ऐतिहासिक पारी खेली, जिसकी वजह से भारत को पहली बार पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज़ में जीत मिली थी.
2006 में पाकिस्तान के खिलाफ पहले विकेट के लिए वीरेंद्र सहवाग के साथ 410 रन की पार्टनरशिप की थी. इस पारी के दौरान सहवाग ने 254 और द्रविड़ ने उनके साथ पारी की शुरुआत करते हुए नाबाद 128 रन बनाए थे.
राहुल द्रविड़ ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत 1996 में श्रीलंका के विरुद्ध सिंगापुर में की थी. उनको विनोद कांबली की जगह टीम में स्थान दिया गया था. अपने जीवन के शुरुआती दिनों में अच्छा प्रदर्शन न करने के बावजूद वह दुनिया से सबसे अच्छे क्रिकेटर बनकर उभरे. टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में उन्होंने कई दिलचस्प पारियां खेली हैं.
राहुल द्रविड़ ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 164 टेस्ट मैचों की 286 पारियों में 52.31 के औसत से 13,288 रन और एकदिवसीय मैचों में 10,889 रन बनाये हैं. टेस्ट मैचों में सबसे अधिक कैच लेने का रिकॉर्ड भी उनके ही नाम है. अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में मात्र एक टी-20 में उन्होंने 21 गेंदों में 31 रन बनाया था. उन्होंने इस मैच में भारतीय मूल के इंग्लैंड के बॉलर समित पटेल को लगातार तीन छक्के मारे थे.
2006 में मुल्तान टेस्ट के दौरान पाकिस्तान में सचिन तेंदुलकर 194 रन बनाकर खेल रहे थे. द्रविड़ ने पारी घोषित करने का फैसला ले लिया. इसके चलते राहुल द्रविड़ को आलोचना का सामना करना पड़ा था. 2007 के विश्व कप में हार और ख़राब फॉर्म ने उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर पर काफी प्रभाव डाला था.
अच्छे फॉर्म में होने के बावजूद 2011 के विश्व कप में उन्हें शामिल नहीं किया गया था. 2011 के अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ अचानक एकदिवसीय सीरिज में शामिल होने के प्रस्ताव के बाद द्रविड़ ने एक दिवसीय, टी-20 से सन्यास की घोषणा कर दी. 2012 में द्रविड़ ने इंटरनेशनल क्रिकेट और फर्स्ट क्लास क्रिकेट से संन्यास ले लिया.
राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद भी भारतीय क्रिकेट को सेवा देना जारी रखा है. वह जूनियर क्रिकेटरों को लगातार प्रशिक्षण देते रहते हैं. भारतीय क्रिकेट की नई पौध तैयार करने में लगातार मदद देते रहते हैं. राहुल द्रविड़ भारतीय अंडर-19 टीम के कोच हैं. फरवरी 2018 में उनके नेतृत्व में अंडर-19 टीम को न्यूजीलैंड में खेले गए विश्व कप में जीत मिली थी.
एक बार शोएब ने कहा था कि ‘सचिन के विकेट ने उन्हें सुपरस्टार बनाया लेकिन ये द्रविड़ थे जिनसे उन्हें डर लगता था.’
राहुल द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए कई पुरस्कार दिए गए. द्रविड़ आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम लिस्ट में भी शामिल हैं. वे इस लिस्ट में शामिल होने वाले पांचवें भारतीय हैं. उन्हें अर्जुन अवार्ड के अलावा भारत सरकार द्वारा 2004 में पद्मश्री और 2013 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.