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Monday, 22 December, 2025
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भारत, नीदरलैंड ने निवेश मामलों के त्वरित समाधान के लिए व्यवस्था बनाई

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नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) भारत में परिचालन करने वाली नीदरलैंड की कंपनियों से जुड़े निवेश मामलों के त्वरित समाधान के लिए दोनों देशों ने एक तंत्र विकसित किया है। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह कहा गया।

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और नीदरलैंड दूतावास ने द्विपक्षीय ‘फास्ट ट्रेक मैकेनिज्म (एफटीएम)’ को औपचारिक रूप देने के लिए संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय ‘एफटीएम’ भारत में परिचालन करने वाली नीदरलैंड की कंपनियों से जुड़े निवेश मामलों के त्वरित समाधान के लिए एक मंच के तौर पर काम करेगा।’’ इससे परस्पर निवेश गतिविधियों को बढ़ाने के द्विपक्षीय प्रयासों को मजबूती मिलेगी और कंपनियों के बीच कारोबारी सहयोग भी बढ़ेगा।

भारत में नीदरलैंड के राजदूत मार्टन वान डेन बर्ग ने कहा, ‘‘कुछ डच कंपनियां तो भारत में सौ साल से भी ज्यादा समय से काम कर रही हैं, जो इस नजदीकी द्विपक्षीय संबंधों का सबूत है।’’

डीपीआईआईटी में सचिव अनुराग जैन ने कहा कि ‘एफटीएम’ प्रक्रिया शुरू होने से पहले से ही दोनों पक्ष डच कंपनियों के विभिन्न मुद्दों को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नीदरलैंड भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का चौथा सबसे बड़ा स्रोत है। अप्रैल 2000 से जून 2022 के बीच नीदरलैंड से भारत में विदेशी पूंजी का समेकित प्रवाह 42.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया। 2021-22 में दोनों देशों के बीच 17 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ।

भाषा मानसी

मानसी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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