नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की अर्जी को खारिज करते हुए यह तय करने का फैसला चुनाव आयोग को दे दिया है कि असली शिवसेना किसकी है.
Supreme Court allows Election Commission of India to decide which faction between Uddhav Thackeray and Eknath Shinde be recognised as the 'real' Shiv Sena party and allotment of the bow and arrow symbol.
— ANI (@ANI) September 27, 2022
बेंच ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना को असली शिवसेना माना जाय यह तय करने के चुनाव आयोग को रोकने की मांग वाली उद्धव ठाकरे गुट की अर्जी को खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने भारत के चुनाव आयोग को एकनाथ शिंदे समूह के असली शिवसेना के दावे का फैसला करने से रोकने से इनकार कर दिया. एक दिन की सुनवाई के बाद उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर स्टे की अर्जी को खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को यह तय करने की अनुमति दे दी कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच किस गुट को ‘असली’ शिवसेना पार्टी के रूप में मान्यता दी जाए और धनुष और तीर का चिन्ह आवंटित किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे समूह के ‘असली’ शिवसेना के रूप में मान्यता के दावे पर भारत के चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने की उद्धव ठाकरे समूह की याचिका को खारिज कर दिया.
वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग चिट्ठी लिखी है और सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया है. गुट ने चुनाव आयोग से फैसला लेने को कहा है.
गौरतलब है कि महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री रहे शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने विधायकों के एक गुट शिवसेना से तोड़ लिया था और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. इसके बाद से असली शिवसेना किसकी है इसको लेकर मामला चुनाव आयोग और कोर्ट का चक्कर लगा रहा है.