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Sunday, 3 November, 2024
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चीते की वापसी जैव विविधता के लिए मील का पत्थर है, असली काम कूनो में शुरू होता है जहां उनको जिंदा रखना है

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

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चीतों की भारत में वापसी संरक्षण को लेकर एक साहस भरा प्रयोग और जैव विविधता के लिए मील का पत्थर है. वन्यजीव अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती चीतों के जिंदा रहने और अपनी संख्या बढ़ाने की है. अगर वे बाघों की आबादी की रक्षा और पुनर्जीवित कर सकते हैं, तो वे भी कूनो में भी सफल हो सकते हैं.

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