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Friday, 22 November, 2024
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यूपी में मानसून सत्र से पहले समाजवादी पार्टी का ड्रामा, निकाला मार्च, धरने पर बैठे फिर उठे

सपा ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरोध में पदयात्रा निकाली. सीएम योगी बोले- समाजवादी पार्टी किसी नियम या किसी शिष्टाचार को माने, यह केवल एक कपोल कल्पना ही कही जा सकती है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधानसभा में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था क्योंकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर योगी सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला. सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के कई विधायकों और नेताओं ने सोमवार को राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र से पहले राज्य में महंगाई के मुद्दों को उजागर करते हुए पार्टी कार्यालय से विधानसभा तक मार्च का नेतृत्व किया.

लेकिन प्रशासन द्वारा परमीशन न लिए जाने की बात कह कर उन्हें बीच में ही रोक दिया गया जिसके बाद अखिलेश यादव पार्टी विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए. हालांकि, कुछ देर बाद समाजवादी पार्टी ने धरना खत्म कर दिया.

सपा ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरोध में इस पदयात्रा का आयोजन किया था.

समाजवादी पार्टी के पैदल मार्च पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘किसी भी दल और व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कहीं कोई बुराई नहीं है…अगर उन्होंने (समाजवादी पार्टी) अनुमति मांगी होगी तो जो भी सरल मार्ग होगा प्रशासन ने उनको उपलब्ध कराया होगा.’

सीएम योगी ने अखिलेश के धरना दिए जाने की बात पर कहा, मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी से यह उम्मीद करना कि वह किसी नियम या किसी शिष्टाचार को माने, यह केवल एक कपोल कल्पना ही कही जा सकती है.’

सीएम ने आगे कहा 25 करोड़ लोगों के हितों के लिए डबल इंजन की सरकार बिना भेदभाव के कार्य कर रही है. डबल इंजन की सरकार समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को शासन की योजानाओं का लाभ पहुंचा रही है. विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए भी यहां अभाव और अराजकता के लिए जगह नहीं है.

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के भारी वरोध को देखते हुए लखनऊ के ज्वाइंट कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर पीयूष मोर्डिया ने कहा, ‘पैदल यात्रा की जानकारी मिली थी लेकिन इसके लिए पहले से अनुमति नहीं मांगी गई थी.’

मोर्डिया ने कहा, ‘हमने उनको एक मार्ग निर्धारित करके दिया था जिससे यातायात और अन्य परेशानी नहीं होती. उन्होंने यह नहीं माना. हमारे पास उनको रोकने के अलावा कोई अन्य उपाय नहीं है.’

इसपर अखिलेश यादव ने कहा, ‘यदि रोकना था तो कल परमिशन क्यों दी ?’

प्रशासन का कहना है कि जीपीओ के बजाय वीवीआइपी गेस्ट हाउस और एनेक्सी होते हुए विधानसभा जाएं. इस पर अखिलेश यादव व सपा विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. विधायक व कार्यकर्ताओं ने हाथों में नारे की तख्ती ले रखी है.

महंगाई और भ्रष्टाचार

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में लगातार भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमलावर रही. उन्होंने कहा, ‘सरकार लगातार महंगाई बढ़ा रही है. जनता महंगाई में पिस गई है. कानून व्यवस्था कभी इतना बर्बाद नहीं हुआ होगा, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘उत्तर प्रदेश में कुछ हिस्सों में बाढ़ और कुछ हिस्सों में सूखा है. सरकार ने किसानों को इससे हुए नुकसान पर कोई राहत नहीं दी है. लम्पी वायरस से हजारों-हजार गायों की जान जा चुकी हैं, सरकार उन जानवरों की देखभाल के लिए भी कुछ नहीं कर पाई है.’

उधर, विधानसभा सत्र की शुरुआत हो गई. इसके पहले मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. जनता को इस सत्र से बड़ी उम्मीदें हैं. सत्र के पहले दिन सभी सदस्यों ने पूर्व विधायक अरविंद गिरी के निधन पर शोक व्यक्त किया. सपा ने धरना स्थल पर ही शोक व्यक्त किया.


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